Pune News: तीर्थक्षेत्र आलंदी में विकास की कागजी घोषणाएं, वास्तव में समस्याओं का अंबार

तीर्थक्षेत्र आलंदी में विकास की कागजी घोषणाएं, वास्तव में समस्याओं का अंबार
  • विकास में बाधा है आधारभूत समस्याएं
  • पाइल लाइन के काम में लापरवाही

भास्कर न्यूज, आलंदी। महाराष्ट्र के प्रमुख तीर्थक्षेत्रों में से एक, संत ज्ञानेश्वर महाराज के आलंदी शहर का विकास केवल कागजों पर ही दिख रहा है, जबकि वास्तव में यह शहर पानी, यातायात और कचरे जैसी मूलभूत समस्याओं से घिरा हुआ है। हर साल करोडों रुपए का फंड स्वीकृत होने के बावजूद, सुनियोजित विकास न होने के कारण 'रोल मॉडल' शहर के रूप में आलंदी की पहचान नहीं बन पाई है।

आलंदी शहर को भामा-असखेड योजना का पानी मिल रहा है, लेकिन पानी की आपूर्ति अनियमित होने से नागरिकों में भारी नाराजगी है। इंद्रायणी नदी में पर्याप्त पानी होने के बावजूद प्रदूषण के कारण वह पीने योग्य नहीं रहा है। शहर में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पालिका की ओर से पानी की पर्याप्त व्यवस्था न होने का सवाल अनुत्तरित है। शहर को एक दिन छोडकर पानी मिलता है, लेकिन कभी-कभी कुछ क्षेत्रों में आठ दिनों तक नल में पानी नहीं आता है। नल में आया पानी भी कई बार अशुद्ध होता है। इसलिए, स्थानीय लोगों को पीने का पानी खरीदना पडता है।

- जगह-जगह कचरे के ढेर

शहर में सुसज्जित पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण वाहन मुख्य सड़कों पर ही खड़े किए जाते हैं। जिससे यातायात जाम की बडी समस्या पैदा हो रही है। आलंदी के कुछ हिस्सों में रोजाना बडी मात्रा में कचरा जमा हो रहा है। पालिका कचरा उठाती है, फिर भी पूरा कचरा नहीं उठाया जाता। कचरा वर्गीकरण और खाद निर्माण परियोजना से मुनाफा कमाने की ओर भी दुर्लक्ष्य हो रहा है। परिणामस्वरूप, तीर्थक्षेत्र होने के बावजूद श्रद्धालुओं को कई जगह कचरे के ढेर देखने को मिलते हैं।

- विकास में बाधा है आधारभूत समस्याएं

पालकी यात्रा में लाखों श्रद्धालुओं को धूप और बारिश से सुरक्षा देने के लिए दर्शनबारी मंडप की आवश्यकता है। हालांकि, वह सवाल न्यायालयीन लडाई में फंसा हुआ है। खेल के मैदानों की कमी, सब्जी बाजार की असुविधा, श्मशान भूमि में अपर्याप्त सुविधाएं और सांस्कृतिक भवन का अभाव जैसी कई समस्याएं आलंदी के विकास में बाधा डाल रही हैं।

- पाइल लाइन के काम में लापरवाही

तीर्थक्षेत्र विकास ढांचे के अंतर्गत हुए कार्यों में दोष दिखाई दे रहे हैं। पानी आपूर्ति पाइप लाइन के काम में लापरवाही के कारण पानी की समस्या बनी हुई है, जबकि दोषपूर्ण बारिश के पानी की निकासी काम के कारण बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। विकास कार्यों पर उचित ध्यान न देने के कारण विकास केवल कागजों पर ही रह गया है और नागरिकों तथा श्रद्धालुओं को असुविधाओं का सामना करना पड रहा है। पालिका का अभी भी कोई भव्य भवन नहीं है जहां संस्कृति और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सके। कार्यशालाओं, व्याख्यानों, सेमिनार और चर्चा सत्रों, शासकीय आयोजनों और स्कूली विभिन्न कार्यक्रमों के लिए जगह की कमी महसूस हो रही है।

Created On :   11 Nov 2025 6:30 PM IST

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