- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- पुणे
- /
- जब तक टीडीआर नीति पर ठोस निर्णय...
Pune City News: जब तक टीडीआर नीति पर ठोस निर्णय नहीं तबतक मनपा चुनाव का बहिष्कार

- सिर्फ कोरा आश्वासन मिलने से नाराज लोगों ने दी चेतावनी
- नीली बाढ़ रेखा क्षेत्र की इमारतों को अतिरिक्त टीडीआर देने का मामला
- - 30 से 40 वर्ष पुरानी जर्जर इमारतों को लेकर नहीं हो पा रहा आश्वासन
भास्कर न्यूज, पिंपरी-चिंचवड़। नीली बाढ़ रेखा क्षेत्र में स्थित इमारतों को अतिरिक्त टीडीआर (ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स) देने पर पिंपरी-चिंचवड़ मनपा द्वारा लगाई गई रोक से नागरिकों में तीव्र आक्रोष है। हर बार की तरह विधानसभा चुनाव में भी लोगों को कोरा आश्वासन मिला था। परंतु अब तक ठोस फैसला नहीं किया जा सका। इस कारण पुनर्विकास (री-डेवलपमेंट) के काम ठप पड़े हुए हैं। पुरानी, जर्जर इमारतों में रहने को विवश नागरिकों ने अब आगामी मनपा चुनावों के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है। रविवार शाम चिंचवड़गांव में नीली बाढ़ रेखा के तहत आने वाले क्षेत्र के लोगों की जनसभा हुई। इसमें आम राय से निर्णय लिया गया कि अगर अतिरिक्त टीडीआर का फैसला नहीं होता है तो मनपा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया जाएगा। बैठक में भाजपा के स्थानीय विधायक शंकर जगताप ने छह महीनों के भीतर टीडीआर से जुड़ा मुद्दा सुलझाने का पुराना राग अलापा। जिससे लोगों में असंतोष फैल गया है।
- 30 से 40 वर्ष पुरानी जर्जर इमारतों को लेकर नहीं हो पा रहा आश्वासन
फैसले के परिणामस्वरूप चिंचवड़, पिंपरी, आकुर्डी आदि क्षेत्रों की सैकड़ों इमारतों का पुनर्विकास अटक गया। इनमें से कई इमारतें 30 से 40 वर्ष पुरानी हैं। सभी काफी जर्जर हो चुकी हैं। नागरिकों का कहना है कि पिछले एक वर्ष से वे इस मुद्दे के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत हैं। विधायक शंकर जगताप ने विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि वे छह महीनों में समस्या का समाधान करेंगे, मगर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी स्थिति जस की तस है। आखिरकार, नागरिकों ने आम राय से निर्णय लिया कि जब तक टीडीआर नीति पर ठोस निर्णय नहीं होता, वे आगामी चुनावों का बहिष्कार करेंगे। बीती रात हुए जनसभा में विधायक जगताप ने बताया कि उन्होंने इस विषय पर शासन स्तर पर अनेक पत्रव्यवहार व बैठक की हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी शासन बैठक में नागरिक संगठन के चार प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा और समस्या का समाधान छह महीनों में किया जाएगा। मगर नागरिकों का कहना है कि वे अब केवल ‘आश्वासन’ नहीं, ठोस निर्णय और क्रियान्वयन चाहते हैं। नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि कुछ भू-मालिक नदीपात्र में अवैध रूप से भराव डालकर अपनी जमीनें बढ़ा रहे हैं, जिससे चिंचवड़ क्षेत्र में बार-बार बाढ़ की स्थिति बनती है।
- नागरिकों की पीड़ा और अपेक्षा
नीली बाढ़ रेखा के भीतर अवैध गोदाम, वाहन शोरूम और कबाड़ के डिपो बड़े पैमाने पर बन चुके हैं। इस बारे में बार बार शिकायत करने के बाद भी मनपा प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। सभा में नागरिकों ने इन सभी अवैध निर्माण कार्यों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की। विधायक जगताप ने भरोसा दिया कि सभी अवैध बांधकामों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। आक्रोशित नागरिकों ने कहा, हम हर चुनाव में वादे तो सुनते हैं, लेकिन अमल नहीं होता। हमारी इमारत जर्जर हो गई हैं, लेकिन पुनर्विकास शुरू नहीं हो पा रहा है। हमारे जीवन को खतरे में डालने वाले इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।
जल संसाधन विभाग द्वारा नया सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। पवना, मुला और इंद्रायणी नदियों के किनारे बसे गांवों की फ्लड लाइन का नए सिरे से निर्धारण किया जाएगा। यह मुद्दा राज्य स्तर का है और इस पर एक एकीकृत नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए विशेषज्ञ अधिकारियों की एक समिति भी बनाई गई है। नागरिकों को अनावश्यक रूप से चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। चिंचवड़ क्षेत्र में "एक वर्ग फुट" भी प्रभावित नहीं होगा।
- शंकर जगताप, विधायक, चिंचवड़ विधानसभा
Created On :   11 Nov 2025 5:52 PM IST












