कुछ मिनटों की गहरी सांस से भागेगा तनाव, शांत होगा मन, ये है 'माइंडफुल ब्रीदिंग’ की तकनीक
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)। तनाव, चिंता और अनिद्रा यह आज के व्यस्त समय में ज्यादातर लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं। हालांकि, ‘माइंडफुल ब्रीदिंग’ एक ऐसी तकनीक है, जिसके अभ्यास से इन समस्याओं पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है।
प्रतिदिन सुबह या शाम कुछ मिनटों के अभ्यास से मानसिक शांति और एनर्जी के साथ तन-मन में महत्वपूर्ण फर्क देखने को मिल सकते हैं। ऐसा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय का कहना है, जो मानसिक स्वास्थ्य के लिए ‘माइंडफुल ब्रीदिंग’ (सजग श्वास) की सलाह देता रहा है। यह एक सरल, मुफ्त और वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित तकनीक है, जिसे कहीं भी, कभी भी किया जा सकता है।
माइंडफुल ब्रीदिंग से मिलने वाले फायदों के साथ सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि यह क्या है? यह एक ऐसी तकनीक है, जो हमारी मानसिक शांति को वापस लाने के साथ ही तनाव और एंग्जाइटी से निपटने में भी बहुत मददगार है।
नए शोध में पता चला है कि माइंडफुलनेस के जरिए कॉग्निटिव कंट्रोल में सुधार किया जा सकता है। इस तरह से एंग्जाइटी से निपटने में भी मदद मिलती है। माइंडफुल ब्रीदिंग यानी वर्तमान समय में पूरी तरह जागरूक होकर गहरी सांस लेने की तकनीक है। इस दौरान सांस की हर गति को महसूस करते हैं। यह माइंडफुलनेस मेडिटेशन का सबसे आसान रूप है, जिसमें सिर्फ सांस पर ही फोकस होता है।
माइंडफुलनेस के प्रतिदिन अभ्यास से कई फायदे मिलते हैं। तनाव और चिंता में राहत मिलती है। ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट कम होता है। रात में बेहतर नींद आती है। गुस्सा और नकारात्मक विचारों पर काबू पाना आसान होता है। एकाग्रता और फोकस बढ़ता है। इमोशनल बैलेंस बना रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
कई रिसर्च में भी माइंडफुलनेस को कारगर बताया गया है। वाशिंगटन विश्वविद्यालय के माइंडफुलनेस साइंस एंड प्रैक्टिस रिसर्च क्लस्टर के पोस्ट में भी माइंडफुलनेस तकनीक के पीछे के मूल विचार के बारे में बताया गया, जिसमें बिना किसी जजमेंट या पूर्वाग्रह के मौजूदा पल पर फोकस करना होता है। यह चिंता को खत्म करने और फोकस में सुधार करने में मदद कर सकता है।
कई रिसर्च में पता चला कि माइंडफुलनेस चिंता के लक्षणों को कम कर सकता है।
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Created On :   21 Nov 2025 9:35 PM IST












