पूर्वोत्तर के सतत विकास के लिए पशुधन प्रबंधन कौशल अहम लालदूहामा

पूर्वोत्तर के सतत विकास के लिए पशुधन प्रबंधन कौशल अहम लालदूहामा
मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदूहामा ने कहा कि मिजोरम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्य कृषि एवं पशुधन पर बड़ी मात्रा में निर्भर हैं, इसलिए पशुपालन और प्रबंधन से जुड़े ज्ञान और कौशल सतत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

आइजोल, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदूहामा ने कहा कि मिजोरम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्य कृषि एवं पशुधन पर बड़ी मात्रा में निर्भर हैं, इसलिए पशुपालन और प्रबंधन से जुड़े ज्ञान और कौशल सतत विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

कॉलेज ऑफ वेटरनरी साइंसेज एंड एनिमल हसबेंड्री के 27वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिजोरम और पूर्वोत्तर के अधिकांश लोग आजीविका के लिए कृषि और विशेष रूप से पशुधन पालन पर निर्भर हैं। ऐसे में इस कॉलेज की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह किसानों और कृषि क्षेत्र को सहयोग देने वाले प्रशिक्षित पेशेवर तैयार करता है।

मिजोरम के सेलेसिह स्थित यह कॉलेज, मणिपुर के इम्फाल में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के अधीन है।

कार्यक्रम के दौरान कॉलेज परिसर में कीटनाशक अवशेष विश्लेषण प्रयोगशाला का उद्घाटन भी किया गया। यह प्रयोगशाला स्वच्छ और सुरक्षित कृषि उत्पाद सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सेलेसिह का वेटरनरी कॉलेज सिर्फ मिजोरम ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षण केंद्र है। उन्होंने कॉलेज की 27 वर्षों की सफल प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

लालदूहामा ने शिक्षकों और कर्मचारियों को अपने समर्पित कार्य को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया और छात्रों से उपलब्ध अवसरों का पूर्ण लाभ उठाने की अपील की।

नई प्रयोगशाला के बारे में उन्होंने कहा कि यह अखिल भारतीय कीटनाशक अवशेष परियोजना के अंतर्गत शोध कार्यों में तो मदद करेगी ही, साथ ही किसानों को भी लाभ पहुंचाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि मिजोरम के कृषि उत्पाद स्वच्छ और सुरक्षित हों। यह सुविधा शोधार्थियों और विद्यार्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी होगी।

उन्होंने इसे मिजोरम में अधिक स्वास्थ्यकर और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। वर्तमान में कॉलेज में 440 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। 1997 में स्थापना के बाद से यह कॉलेज 891 बीवीएससी एवं एएच स्नातक, 378 स्नातकोत्तर और 15 पीएचडी स्कॉलर तैयार कर चुका है।

अखिल भारतीय कीटनाशक अवशेष परियोजना 1985 में भारत सरकार द्वारा स्वच्छ और सुरक्षित कृषि उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई थी। 2010 में सेलेसिह के वेटरनरी कॉलेज को पूर्वोत्तर क्षेत्र के एक केंद्र के रूप में शामिल किया गया।

2019 में इस सुविधा के विस्तार एवं उन्नयन के लिए कॉलेज को मिजोरम सरकार के माध्यम से आरकेवीवाई योजना के तहत 11.80 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट प्राप्त हुआ और राज्य सरकार ने इसके पूरा होने तक समर्थन जारी रखा।

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Created On :   10 Nov 2025 7:09 PM IST

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