स्वास्थ्य/चिकित्सा: केंद्र ने वैज्ञानिक उपकरण और उपभोग्य सामग्रियों के प्रोक्योरमेंट के लिए जीएफआर नियमों को बनाया आसान

केंद्र ने वैज्ञानिक उपकरण और उपभोग्य सामग्रियों के प्रोक्योरमेंट के लिए जीएफआर नियमों को बनाया आसान
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि रिसर्च को आसान बनाने के लिए एक बड़े कदम के रूप में वैज्ञानिक उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियों की खरीद के लिए जनरल फाइनेंस रूल्स (जीएफआर) को सरल बनाया गया है।

नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि रिसर्च को आसान बनाने के लिए एक बड़े कदम के रूप में वैज्ञानिक उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियों की खरीद के लिए जनरल फाइनेंस रूल्स (जीएफआर) को सरल बनाया गया है।

जीएफआर केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों के लिए वित्तीय प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण ढांचा प्रदान करता है।

सामान्य वित्तीय नियम (जीएफआर) केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों और स्वायत्त निकायों पर लागू होते हैं, जिनके अपने स्वीकृत वित्तीय विनियम हैं। जीएफआर बजटिंग, खरीद, व्यय और लेखांकन जैसे पहलुओं को कवर करता है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस कदम से युवा शोधकर्ताओं के लिए स्वायत्तता बढ़ेगी।

उन्होंने कहा, "युवा महत्वाकांक्षी स्टार्टअप, इनोवेटर्स और शोधकर्ताओं के लिए यह एक उत्साहजनक खबर है और साथ ही एक बड़ी सफलता है। रिसर्च करने में आसानी के एक ऐतिहासिक कदम में, साइंटिफिक उपकरण और उपभोग्य सामग्रियों के प्रोक्योरमेंट के लिए जीएफआर नियमों को सरल बनाया गया है।"

उन्होंने कहा, "नियमों को आसान बनाने के साथ देरी कम होगी। साथ ही शोध संस्थानों के लिए स्वायत्तता और फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ेगी और वे तेजी से इनोवेशन करने को लेकर सशक्त बनेंगे।"

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस परिवर्तनकारी सुधार के लिए सराहना की, जो विकसित भारत की प्रौद्योगिकी-संचालित यात्रा को गति देगा।

5 जून को जारी एक कार्यालय ज्ञापन में वाइस-चांसलर, वैज्ञानिक संगठनों के निदेशक और शैक्षणिक संस्थानों को वैज्ञानिक उपकरणों और उपभोग्य सामग्रियों की गैर-सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) खरीद की अनुमति दी गई है।

ज्ञापन के अनुसार, यह आदेश केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी; बायोटेक्नोलॉजी; वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान; परमाणु ऊर्जा; अंतरिक्ष; पृथ्वी विज्ञान; रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन; भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), जिसमें इसके संबद्ध संस्थान और विश्वविद्यालय शामिल हैं; स्वास्थ्य अनुसंधान (डीएचआर), जिसमें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद शामिल है; किसी भी मंत्रालय/विभाग के तहत स्नातकोत्तर/डॉक्टरेट स्तर के पाठ्यक्रम या अनुसंधान आयोजित करने वाले शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों पर लागू होगा।

आसान बनाए गए नियमों के साथ बिना कोटेशन के सामान खरीदने की सीमा 1,00,000 रुपए से 2,00,000 रुपए कर दी गई है।

इसी तरह, क्रय समिति से माल की खरीद की सीमा को बढ़ाकर 2,00,000 रुपए और अधिकतम 25,00,000 रुपए कर दिया गया है।

ज्ञापन में कहा गया है कि लिमिटेड टेंडर इंक्वायरी (एलटीई) के लिए संशोधित सीमा 1 करोड़ रुपए तक है, जबकि एडवर्टाइज्ड टेंडर इंक्वायरी के लिए नई सीमा 1 करोड़ रुपए से अधिक है।

संशोधन से वैज्ञानिक मंत्रालयों को रिसर्च के लिए जरूरी उपकरण आयात करने और खरीदने में अधिक फ्लेक्सिबिलिटी मिलने की संभावना है।

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Created On :   7 Jun 2025 2:31 PM IST

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