व्यापार: लोकसभा ने निवेश आकर्षित करने के लिए तेल क्षेत्र संशोधन विधेयक को दी मंजूरी

लोकसभा ने तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास ) संशोधन विधेयक, 2024 पारित कर दिया है, जिसका उद्देश्य देश में तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिए अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए कानूनी फ्रेमवर्क में सुधार करना है।

नई दिल्ली, 13 मार्च (आईएएनएस)। लोकसभा ने तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास ) संशोधन विधेयक, 2024 पारित कर दिया है, जिसका उद्देश्य देश में तेल और गैस की खोज और उत्पादन के लिए अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए कानूनी फ्रेमवर्क में सुधार करना है।

इस विधेयक को पहले 3 दिसंबर, 2024 को राज्यसभा ने पारित किया था।

पिछले एक दशक में, सरकार ने कई सुधार किए हैं। इसमें प्रोडक्शन शेयरिंग व्यवस्था से रेवेन्यू शेयरिंग व्यवस्था में बदलाव शामिल है, ताकि कॉन्ट्रैक्ट को अवॉर्ड, प्रॉसेस को सरल और नियामक बोझ को कम किया जा सके और भारत में तेल और गैस की खोज और उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।

इसके अलावा, नए अन्वेषण के लिए ‘नो-गो’ क्षेत्रों को मुक्त करना, कच्चे तेल के विनियमन के साथ-साथ प्राकृतिक गैस के लिए मार्केटिंग और मूल्य से जुड़ी स्वतंत्रता दूसरे बड़े कदम थे।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, "इन प्रमुख सुधारों के एक महत्वपूर्ण परिणाम के रूप में, भारत में आज तेल और गैस एक्सप्लोरेशन के तहत सक्रिय रकबे का 76 प्रतिशत से अधिक हिस्सा 2014 के बाद दिया गया है।"

संशोधन विधेयक पेश करते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था मुख्य रूप से लाइसेंसिंग, रेगुलेटरी कंट्रोल और रॉयल्टी के कलेक्शन पर केंद्रित है। इस व्यवस्था को व्यापार करने में आसानी और सरकार तथा ठेकेदारों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पुनर्संरचना की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इस सिस्टम में पेन पॉइंट्स (व्यवस्था की मुख्य दिक्कतों) को समझने के लिए इंडस्ट्री लीडर्स, संभावित निवेशकों और हितधारकों के साथ चर्चा की गई।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संशोधन विधेयक खनन और पेट्रोलियम संचालन को एक ही कैटेगरी में रखने की पुरानी गलत प्रथा को खत्म करने का प्रयास करता है।

उन्होंने आगे कहा कि विधेयक तेल ब्लॉकों की व्यवहार्यता में सुधार के लिए ऑपरेटरों के बीच रिसोर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर को साझा करने में सक्षम बनाकर छोटे ऑपरेटरों की मदद करना चाहता है।

इस विधेयक का उद्देश्य लीज की अवधि और उसमें शर्तों के संदर्भ में परिचालन में स्थिरता प्रदान कर भारत में निवेश करने में रुचि रखने वाली वैश्विक तेल कंपनियों की सबसे बड़ी शिकायतों में से एक को हल करना है।

अधिनियम के प्रावधानों के प्रवर्तन को बढ़ावा देने के लिए, जुर्माने की रकम बढ़ा दी गई है। जुर्माना 25 लाख रुपये कर दिया गया है जबकि लगातार उल्लंघन करते रहने वालों को प्रति दिन 10 लाख रुपये तक की पेनाल्टी देनी होगी।

केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि विधेयक के पारित होने से "इज ऑफ डूइंग बिजनेस" के प्रावधानों में सुधार होगा, भारत को तेल और गैस उत्पादन के क्षेत्र में आकर्षक डेस्टिनेशन के तौर पर स्थापित किया जा सकेगा।

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Created On :   13 March 2025 12:55 PM IST

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