संस्कृति: इल्तिजा मुफ्ती का सवाल, '30-40 साल से घाटी में रह रही महिलाओं को वापस भेजने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?'

इल्तिजा मुफ्ती का सवाल, 30-40 साल से घाटी में रह रही महिलाओं को वापस भेजने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। साथ ही, उन्होंने घाटी में रह रही उन पाकिस्तानी महिलाओं के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की, जो भारत सरकार के कड़े राजनयिक कदमों के बाद पाकिस्तान लौटने की दुविधा का सामना कर रही हैं। इन महिलाओं में कई ऐसी हैं, जो पिछले 30-40 वर्षों से कश्मीर में ब्याह कर बसी हुई हैं।

श्रीनगर, 6 मई (आईएएनएस)। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को पहलगाम आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। साथ ही, उन्होंने घाटी में रह रही उन पाकिस्तानी महिलाओं के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की, जो भारत सरकार के कड़े राजनयिक कदमों के बाद पाकिस्तान लौटने की दुविधा का सामना कर रही हैं। इन महिलाओं में कई ऐसी हैं, जो पिछले 30-40 वर्षों से कश्मीर में ब्याह कर बसी हुई हैं।

इल्तिजा मुफ्ती ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "कुछ महिलाएं, जो कश्मीरियों से शादी करके पिछले 30-40 साल से घाटी में रह रही हैं, उन्हें वापस भेजने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?"

उन्होंने पाकिस्तानी पासपोर्ट धारकों के लिए मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की मांग करते हुए कहा, "कुछ लोग जो दशकों से यहां रह रहे हैं, अनजाने में उन लोगों के साथ शामिल हो गए हैं, जिन्हें वापस भेजने का इरादा है।"

उन्होंने एक ऐसी महिला का उदाहरण दिया, जो 50 साल से घाटी में रह रही है और जिसका बेटा भारतीय सुरक्षा बल में सेवा देते हुए शहीद हुआ था। गृह मंत्री अमित शाह भी उस महिला के घर शहीद को श्रद्धांजलि देने गए थे।

इल्तिजा ने भारत सरकार के कड़े राजनयिक कदमों का समर्थन किया, लेकिन कहा, "मानवीय दृष्टिकोण से देखें तो इन लोगों के साथ उचित व्यवहार नहीं किया गया है।"

इससे पहले, पूर्व केंद्रीय मंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी घाटी में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की दुर्दशा पर बात की थी। उन्होंने कहा, "ये लोग 50 साल से यहां रह रहे हैं। महिलाओं की शादी हो चुकी है, उनके बच्चे हैं, और अब उन्हें पाकिस्तान भेजा जा रहा है। पाकिस्तान भी उन्हें स्वीकार नहीं कर रहा। वे सीमा पर फंसे हैं। न यहां के रहे, न वहां के। यह कैसा न्याय है?"

अब्दुल्ला ने इन फंसे हुए लोगों के भाग्य पर शीघ्र निर्णय की मांग करते हुए कहा, "पाकिस्तान अगर उन्हें लेने को तैयार नहीं है, तो वे कहां जाएंगे? उनके बच्चे यहां के नागरिक हैं। प्रधानमंत्री को इस पर फैसला लेना होगा।" पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत यात्रा करने पर रोक लगा दी। पहले जारी किए गए सभी एसवीईएस वीजा रद्द कर दिए गए और वर्तमान में भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का निर्देश दिया गया।

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Created On :   6 May 2025 10:49 AM IST

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