राजनीति: मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं शिवराज सिंह चौहान

मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं  शिवराज सिंह चौहान
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ की पावन धरती से 29 मई को इस व्यापक अभियान का शुभारंभ होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का पूरा अमला राज्यों के सहयोग से इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है।

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की तैयारियां अब अपने अंतिम चरण में हैं। ओडिशा के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ की पावन धरती से 29 मई को इस व्यापक अभियान का शुभारंभ होगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का पूरा अमला राज्यों के सहयोग से इसकी तैयारियों में जुटा हुआ है।

इसी कड़ी में शनिवार को केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में पूसा कैंपस स्थित सुब्रहमण्यम हॉल में देशभर के कृषि वैज्ञानिकों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि मैं सत्ता के सुख के लिए कृषि मंत्री नहीं बना हूं, बल्कि किसानों की सेवा के लिए, उत्पादन बढ़ाने, उत्पादन की लागत घटाने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, देश में अन्न के भंडार भरने और भावी पीढ़ी के कृषि संबंधित हितों की रक्षा के लिए ही मेरा जीवन समर्पित है। उर्वरक का संतुलित प्रयोग, स्थानीय परिस्थिति, सही शोध जानकारी होने और अच्छे बीजों से किसान को उत्पादकता बढ़ाने में निश्चित तौर पर मदद मिल सकती है।

उन्होंने कृषि वैज्ञानिकों, विभाग के अमले और किसानों को जोड़ने पर जोर देते हुए कहा कि इस अभियान के जरिए इसे पूरा करते हुए किसानों से जुड़ने की एक बड़ी कोशिश होने जा रही है। खेती हृदय और लगाव का विषय है। खेती को जिया जाता है। उन्होंने कहा, "मेरी हर सांस में खेती और रोम-रोम में किसान बसे हैं। फसल के अच्छे और खराब होने पर भावनाएं जुड़ जाती हैं। सरकार की पूरी कोशिश कृषि अनुसंधान को आगे बढ़ाने की है। शोध और अनुसंधान के लिए हमारी सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फंड की कमी नहीं होने देगी।"

उन्होंने कहा कि यह अभियान परिणाम उन्मूलक कार्यक्रम है, जिसका परिणाम इसी खरीफ सीजन में उत्पादन वृद्धि और उत्पादन लागत में कमी के रूप में जल्द ही हमारे सामने होगा। उन्होंने देश के वैज्ञानिकों से अपनी शोध क्षमता को वैश्विक स्तर पर सिद्ध करने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि हमारे कृषि संस्थानों में वह ताकत है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानेगी।

केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिकों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि इस अभियान के पूरा होने के बाद देश, वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करेगा। यह अभियान 29 मई से 12 जून तक देशव्यापी स्तर पर आयोजित किया जा रहा है, जिसमें वैज्ञानिकों की टीमें गांव-गांव जाकर किसानों से सीधे संवाद करेंगी। इस अभियान में 731 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 113 संस्थानों के वैज्ञानिक-विशेषज्ञ तथा राज्यों और अन्य कृषि विभाग का अमला भी शामिल रहेंगे। यह अभियान 700 से ज्यादा जिलों में आयोजित किया जाएगा। इसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि विभागों के अधिकारी, वैज्ञानिक एवं नवोन्मेषी किसान भी शामिल रहेंगे। अभियान का लक्ष्य 1.5 करोड़ किसानों से सीधे संवाद करना है।

इस अवसर पर कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल. जाट और केंद्र-राज्यों के कृषि विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों-प्राध्यापकों ने बड़ी संख्या में सभागार में उपस्थित रहकर और वर्चुअल जुड़कर संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया।

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Created On :   24 May 2025 10:09 PM IST

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