स्वास्थ्य/चिकित्सा: भारत में हेपेटाइटिस बी वायरस की कम क्यों है जानकारी, शोध में हुआ खुलासा

भारत में हेपेटाइटिस बी वायरस की कम क्यों है जानकारी, शोध में हुआ खुलासा
सर गंगाराम अस्पताल के एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 30 वर्षों से अधिक समय से हेपेटाइटिस बी वायरस के खिलाफ एक प्रभावी टीका उपलब्ध होने के बावजूद, खराब जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण भारत में इसका उपयोग कम रहा है।

नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। सर गंगाराम अस्पताल के एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 30 वर्षों से अधिक समय से हेपेटाइटिस बी वायरस के खिलाफ एक प्रभावी टीका उपलब्ध होने के बावजूद, खराब जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण भारत में इसका उपयोग कम रहा है।

हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) संक्रमण एक प्रमुख ग्लोबल स्वास्थ्य मुद्दा है, जो विश्व स्तर पर करीब 296 मिलियन लोगों को प्रभावित करता है। लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी जटिलताओं के कारण सालाना करीब 8 लाख 87 हजार लोग मौत के मुंह में समा जाते हैं।

शोधकर्ताओं ने कहा कि भारत में लगभग 3.7 करोड़ एचबीवी वाहक हैं। फिर भी बीमारी के साथ-साथ निवारक टीके के बारे में जानकारी कम पाई गई। टीम ने स्वास्थ्य कर्मियों और 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को छोड़कर, 3,500 प्रतिभागियों का सर्वे किया।

ऑनलाइन प्लेटफॉर्म क्यूरियस में प्रकाशित उनके निष्कर्षों से पता चला है कि केवल 25 प्रतिशत लोगों को वायरस के बारे में पर्याप्त जानकारी थी। इसके अलावा, केवल 22.7 प्रतिशत लोगों ने हेपेटाइटिस बी टीकाकरण का पूरा कोर्स पूरा किया।

नई दिल्ली स्थित सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टर अनिल अरोड़ा ने शुक्रवार को कहा, ''यह कम टीकाकरण दर चिंताजनक है, विशेष रूप से वायरस की व्यापकता और सिरोसिस और लीवर कैंसर नामक उन्नत यकृत रोग के संक्रमण के विकास को रोकने में टीके की प्रभावशीलता को देखते हुए।"

अध्ययन में टीकाकरण में लिंग, शिक्षा स्तर और शहरी-ग्रामीण विभाजन में असमानताओं को उजगार किया गया।

डॉ. अनिल ने जागरूकता और टीकाकरण कवरेज में सुधार के लिए लक्षित पब्लिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि शैक्षिक अभियानों को आम जनता पर फोकस करना चाहिए, विशेष रूप से कम शिक्षा स्तर वाले महिला वृद्ध व्यक्तियों और ग्रामीण निवासियों पर, जिन्होंने अध्ययन प्रतिभागियों में कम ज्ञान और टीकाकरण दर का प्रदर्शन किया है।

डॉक्टर ने कहा, "इसके अलावा, पर्याप्त प्रभावकारिता के लिए पूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम को पूरा करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाने चाहिए। लोगों के लिए टीकाकरण की एक या दो डोज लेना और आखिरी को भूल जाना असामान्य बात नहीं है।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   22 March 2024 10:17 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story