लोगों को बड़ी राहत, 7 से 15 साल तक के बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट शुल्क माफ

लोगों को बड़ी राहत, 7 से 15 साल तक के बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट शुल्क माफ
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू-1) के लिए सभी शुल्क माफ कर दिए हैं। शनिवार को एक अधिकारी ने बताया कि इस कदम से करीब 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू-1) के लिए सभी शुल्क माफ कर दिए हैं। शनिवार को एक अधिकारी ने बताया कि इस कदम से करीब 6 करोड़ बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

उक्त आयु वर्ग के लिए एमबीयू शुल्क में छूट 1 अक्टूबर से लागू हो चुकी है और यह एक वर्ष की अवधि के लिए लागू रहेगी।

पांच वर्ष से कम उम्र का बच्चा अपनी तस्वीर, नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और जन्म प्रमाण पत्र प्रदान करके आधार के लिए नामांकन करा सकता है। पांच साल से कम उम्र के बच्चे के आधार नामांकन के लिए उसके फिंगरप्रिंट और आईरिस बायोमेट्रिक्स नहीं लिए जाते क्योंकि उस आयु तक ये परिपक्व नहीं होते।

आधार कार्ड के नियमों के अनुसार, जब बच्चा 5 साल का होता है, तो उसके आधार में फिंगरप्रिंट, आंखों की पुतली (आइरिस) और फोटो को अपडेट करना अनिवार्य है। इसे पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) कहा जाता है।

इसी तरह, जब बच्चा 15 साल का होता है, तो उसे दोबारा बायोमेट्रिक अपडेट करवाना पड़ता है, जिसे दूसरा एमबीयू कहते हैं।

यदि पहला एमबीयू 5-7 साल की उम्र के बीच और दूसरा एमबीयू 15-17 साल की उम्र के बीच किया जाता है, तो ये दोनों अपडेट मुफ्त हैं। लेकिन, अगर ये अपडेट इस उम्र सीमा के बाद करवाए जाते हैं, तो प्रत्येक एमबीयू के लिए 125 रुपए का शुल्क देना पड़ता है। लेकिन, अब नई नीति के तहत 5-17 साल के सभी बच्चों के लिए एमबीयू पूरी तरह मुफ्त कर दिया गया है।

आधार कार्ड में अपडेटेड बायोमेट्रिक जानकारी से जीवन आसान होता है और स्कूल में दाखिला, प्रवेश परीक्षाओं के लिए रजिस्ट्रेशन, स्कॉलरशिप, डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) योजनाओं जैसे लाभ लेने में सुविधा मिलती है, जहां भी लागू हो।

माता-पिता या अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों या वार्ड के आधार में बायोमेट्रिक जानकारी को प्राथमिकता के साथ अपडेट करवाएं।

पिछले महीने, हैदराबाद में 'आधार संवाद' कार्यक्रम में 700 से अधिक नीति निर्माता, स्टार्टअप और उद्योग नेता एकत्र हुए थे। इस कार्यक्रम में यूनिक डिजिटल आईडी का उपयोग करके सेवा वितरण को और बेहतर करने के लिए विचार साझा किए गए।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने इस दिनभर के हितधारक सम्मेलन का आयोजन अपने पारिस्थितिकी तंत्र के साझेदारों के साथ किया था।

हितधारकों को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के सचिव एस कृष्णन ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की आधारभूत परत के रूप में आधार ने किस प्रकार अनेक सेवाओं को संभव बनाया है।

उन्होंने कहा कि आधार डेटाबेस सबसे सुरक्षित है और आधार द्वारा प्रदान की जाने वाली गुणवत्ता और सुविधा सराहनीय है। उन्होंने यूआईडीएआई को लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अपने नवाचारों और उपयोग का और विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया।

यूआईडीएआई के अध्यक्ष नीलकंठ मिश्रा ने हितधारकों के साथ जुड़ाव बढ़ाने पर बात की और इस बात पर ज़ोर दिया कि कैसे यूआईडीएआई के निरंतर नवाचार से निकट भविष्य में कई उपयोग सामने आएंगे।

वहीं, यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा कि आधार न केवल 12 अंकों की विशिष्ट पहचान प्रणाली है, बल्कि सशक्तिकरण, सुगम्यता और विश्वास की यात्रा भी है।

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Created On :   4 Oct 2025 8:36 PM IST

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