स्वास्थ्य/चिकित्सा: अचानक कार्डियक डेथ के खतरे को पहचानने में मददगार नई एआई तकनीक

अचानक कार्डियक डेथ के खतरे को पहचानने में मददगार नई एआई तकनीक
अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल बनाया है जो अचानक कार्डियक डेथ (हृदय गति रुकने से अचानक मौत) के उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान करने में मौजूदा मेडिकल गाइडलाइंस से कहीं बेहतर है।

न्यूयॉर्क, 5 जुलाई (आईएएनएस)। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने एक नया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल बनाया है जो अचानक कार्डियक डेथ (हृदय गति रुकने से अचानक मौत) के उच्च जोखिम वाले मरीजों की पहचान करने में मौजूदा मेडिकल गाइडलाइंस से कहीं बेहतर है।

इस एआई मॉडल का नाम 'मल्टीमॉडल एआई फॉर वेंट्रिकुलर अरिदमिया रिस्क स्ट्रैटिफिकेशन' है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, यह मॉडल कार्डियक एमआरआई तस्वीरों और मरीजों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को मिलाकर छिपे हुए चेतावनी भरे संकेतों का पता लगाता है। यह तकनीक दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम का अनुमान लगाने में कहीं ज्यादा सटीकता प्रदान करती है।

'नेचर कार्डियोवास्कुलर रिसर्च' जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन में हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी पर ध्यान दिया गया, जो एक सामान्य आनुवंशिक हृदय रोग है और युवाओं में अचानक कार्डियक डेथ का एक प्रमुख कारण है।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता नतालिया ट्रायानोवा ने बताया, "कई मरीज जवानी में ही इस रोग के कारण मर रहे हैं, क्योंकि उनका सही समय पर इलाज नहीं हो पाता। वहीं, कुछ लोग अनावश्यक रूप से डिफाइब्रिलेटर के साथ जीवन बिता रहे हैं। हमारा एआई मॉडल 89 प्रतिशत सटीकता के साथ यह बता सकता है कि कौन से मरीज को अचानक मृत्यु का अधिक खतरा है।"

अमेरिका और यूरोप में इस्तेमाल होने वाली मौजूदा मेडिकल गाइडलाइंस में जोखिम वाले मरीजों की पहचान करने की सटीकता केवल 50 प्रतिशत अनुमानित है। इसकी तुलना में 'मार्स' मॉडल ने 89 प्रतिशत सटीकता दिखाई। खास तौर पर 40 से 60 साल के मरीजों, जो सबसे ज्यादा जोखिम में हैं, उनके लिए यह सटीकता 93 प्रतिशत तक रही। यह मॉडल कंट्रास्ट-एन्हांस्ड एमआरआई स्कैन का विश्लेषण करता है और हृदय में घावों के पैटर्न को समझता है, जो पहले डॉक्टर्स के लिए समझना मुश्किल था। डीप लर्निंग तकनीक के जरिए यह मॉडल उन प्रमुख संकेतों को पहचानता है, जो अचानक कार्डियक डेथ का कारण बन सकते हैं।

जॉन्स हॉपकिन्स के कार्डियोलॉजिस्ट और सह-लेखक जोनाथन क्रिस्पिन ने बताया, "यह एआई मॉडल मौजूदा एल्गोरिदम की तुलना में जोखिम की भविष्यवाणी को काफी बेहतर बनाता है और चिकित्सा क्षेत्र में बदलाव ला सकता है।"

शोधकर्ता अब इस मॉडल को और अधिक मरीजों पर आजमाने और इसे अन्य हृदय रोगों, जैसे कार्डियक सारकॉइडोसिस और एरिथमोजेनिक राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी के लिए इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं।

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Created On :   5 July 2025 2:42 PM IST

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