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Beed News: भगर खाने से पहले सावधानी बरतें , जिला प्रशासन ने नागरिकों से की अपील

- त्योहारों पर बड़े पैमाने पर किया जाता है सेवन
Beed News जिले में श्रावण मास, एकादशी, महाशिवरात्रि, नवरात्रि, आषाढ़ी एकादशी आदि व्रतों के दौरान ‘भगर’ (सामा, वरई) का सेवन बड़े पैमाने पर किया जाता है। भगर हल्का और पाचन के लिए उपयोगी होता है। लेकिन हाल के दिनों में, भगर खाने के बाद कुछ स्थानों पर विषबाधा के मामले सामने आए हैं। इसलिए, जिला आपदा प्रबंधन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निवासी डिप्टी कलेक्टर शिवकुमार स्वामी ने जिले के नागरिकों से भगर का सेवन करते समय उचित सावधानी बरतने की अपील की है।
भगर को केवल लाइसेंस प्राप्त और विश्वसनीय विक्रेताओं से ही खरीदना चाहिए। यह साफ, सूखा, गंधहीन और फफूंद रहित होना चाहिए। खराब, काले या फफूंद वाले भगर न खरीदें। बाजार में कम कीमत पर उपलब्ध पॉलिश, प्लास्टिक जैसे चमकदार भगर से दूर रहें। प्रमाण पत्र वाले भगर को खरीदने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। भगर पकाने से पहले उसे कम से कम 2-3 बार साफ पानी से धो लें। हो सके तो 30 मिनट तक पानी में भिगोकर रखें। खाना बनाते समय साफ, उबला हुआ पानी और बर्तन इस्तेमाल करें। भगर को सही तापमान पर तब तक उबालें जब तक वह पूरी तरह पक न जाए।
पका हुआ भगर स्टोर करते समय खाने से पहले उसे ज्यादा देर तक खुला या कमरे के तापमान पर न रखें। खाना स्टोर करते समय उसे ढककर रखें, फ्रिज में रखना ज्यादा सुरक्षित रहेगा। बचे हुए भगर को दोबारा गर्म करते समय अच्छी तरह उबाल लें। ठंडा हुआ भगर ऐसे ही न खाएं। भगर खाने के बाद जी मिचलाना, उल्टी, पेट दर्द, सिरदर्द, थकान, बुखार, चक्कर आना, सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जाएं। देरी करने पर जान को खतरा हो सकता है।
भगर पकाते समय व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें। घर में बने भगर की जगह औद्योगिक रूप से उत्पादित भगर का सुरक्षित तरीके से सेवन करें। अगर भगर में कोई रासायनिक संरक्षक है तो उसे खाने से बचें। स्वास्थ्य से समझौता न करें। अगर उचित देखभाल की जाए तो विषबाधा से बचा जा सकता है। स्वामी ने यह भी सलाह दी कि नागरिक जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों को गंभीरता से लें और सावधानी बरतें।
Created On :   5 July 2025 5:36 PM IST