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Beed News: जिला परिषद केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय की दीवार ढही, 1953 में बना स्कूल अब खस्ताहाल

- देर रात में ढहने से हादसा टला
- केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय की दीवार ढही
Beed News. पाटोदा तहसील के वैद्यकिन्ही में जिला परिषद केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय की दीवार ढह गई। 3 जुलाई की देर रात दीवार ढहने से हादसा टला। इसके कारण शुक्रवार के दिन कक्षा तिसरी के बच्चों की क्लास पेड़ के नीचे लगी। पिछले 4-5 वर्षों से शिक्षा विभाग से लगातार संपर्क करने के बावजूद स्कूल के नए निर्माण के लिए निधि उपलब्ध नहीं कराने पर सरपंच अतुल मकल ने नाराजगी जताई। घटना के कारण अभिभावक डरे हुए हैं और चिंतित हैं कि अपने बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. गणेश ढवले लिंबागणेशकर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री, वित्तमंत्री और योजना मंत्री तथा पालकमंत्री बीड अजित पवार को हवाई अड्डे के लिए निधि उपलब्ध कराने की चिंता करने की बजाय ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करानी चाहिए।
शिक्षा विभाग ने लिया जायजा
जिला परिषद केंद्रीय प्राथमिक विद्यालय 1953 में बना था और इसमें पहली से सातवीं तक की कक्षाएं हैं। कुल 130 छात्र हैं। 8 कक्षाओं में 6 खतरनाक स्थिति में हैं। कार्यालय की छत कभी भी गिर सकती है । गुरुवार को आधी रात को, कक्षा तिसरी की पढ़ाई वाली कक्षा की दीवार गिर गई। रात में दीवार गिरने से हादसा टल गया। अगर दीवार दिन में गिरती, तो गंभीर हादसा हो सकता था। विस्तार अधिकारी, समूह शिक्षा विभाग, पंचायत समिति, पाटोदा हनुमान गव्हाने ने स्कूल का दौरा किया।
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शिक्षा विभाग द्वारा लापरवाही
शिक्षा विभाग से बार -बार संपर्क कर जिला परिषद स्कूल के बारे में जानकारी दी गई। जिसे लेकर अनदेखी हुईन नतीजतन रोजाना बच्चों स्कूल में जान हथेली पर रखकर पढ़ाई करनी पढ़ती है।
सरपंच अतुल मकाल ने बताया कि स्कूल की इमारत जर्जर अवस्था में है। कार्यालय की छत कभी भी गिर सकती है। 4-5 वर्षों से बार-बार शिक्षा विभाग से नए स्कूल भवन के निर्माण के लिए राशि उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन इस ओर गंभीर नहीं दिख रहा है। फिलहाल तीसरी कक्षा के बच्चों को पेड़ के नीचे पढ़ाया जा रहा है और एक-दो दिन में ग्राम पंचायत कार्यालय में उनके लिए व्यवस्था कर दी जाएगी।
परिजन में चिंता का माहौल
अभिभावक और चिकित्सक डॉ. सारिका माने ने कहा कि जिला परिषद स्कूल की बाकी दीवारें कभी भी गिर सकती हैं। इसलिए बच्चों की चिंता है, लापरवाही के कारण अभिभावक निजी स्कूलों की ओर जा रहे हैं। रात को हुई घटना के कारण बच्चों को स्कूल भेजने में डर लग रहा है। लापरवाही के कारण अभिभावक निजी स्कूलों की ओर जा रहे हैं।
जिला परिषद स्कूल को राशि उपलब्ध कराएं
सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. गणेश ढवले ने कहा कि स्कूलों के निर्माण के लिए निधि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। छात्र और शिक्षक जीवन को जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। पालकमंत्री अजित पवार ने जिला नियोजन विभागों के लिए 575 करोड़ का फंड मंजूर किया है, लेकिन अभी तक नहीं दिया
Created On :   4 July 2025 8:05 PM IST