स्वास्थ्य/चिकित्सा: मानसून में पाचन की समस्या? रामबाण हैं ये पांच योगासन

मानसून में पाचन की समस्या? रामबाण हैं ये पांच योगासन
मानसून आ चुका है, ऐसे में उन लोगों को और भी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनका पाचन तंत्र कमजोर है। ऐसे में जठराग्नि को संतुलित बनाए रखने के लिए नियमित योगाभ्यास बेहद आवश्यक है। मानसून में इनके नियमित अभ्यास से शरीर को कई लाभ मिलते हैं और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। इससे अपच, वात, एसिडिटी के साथ ही अन्य समस्याओं में राहत मिलती है।

नई दिल्ली 9 जुलाई (आईएएनएस)। मानसून आ चुका है, ऐसे में उन लोगों को और भी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनका पाचन तंत्र कमजोर है। ऐसे में जठराग्नि को संतुलित बनाए रखने के लिए नियमित योगाभ्यास बेहद आवश्यक है। मानसून में इनके नियमित अभ्यास से शरीर को कई लाभ मिलते हैं और पाचन तंत्र भी मजबूत होता है। इससे अपच, वात, एसिडिटी के साथ ही अन्य समस्याओं में राहत मिलती है।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, पादहस्तासन, वज्रासन, सेतुबंधासन, त्रिकोणासन और उष्ट्रासन ऐसे पांच योगासन हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत करने में रामबाण साबित हो सकते हैं।

पादहस्तासन पेट के अंगों पर दबाव डालकर पाचन तंत्र को और सक्रिय करता है, अपच को दूर करता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। इसे करने की सही विधि है, सीधे खड़े होकर पैरों को थोड़ा खोलें। गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर से आगे की ओर झुकें। अपने हाथों से पैरों को छूने की कोशिश करें और सिर को घुटनों के पास लाएं। पादहस्तासन अभ्यास के दौरान 20 से 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहने के बीद फिर धीरे-धीरे वापस आना चाहिए।

पादहस्तासन के बाद दूसरा महत्वपूर्ण आसन वज्रासन है। यह एक ऐसा आसन है, जो भोजन के बाद भी किया जा सकता है। यह आसन पाचन को बेहतर बनाता है, गैस और कब्ज से राहत देता है और पेट की सूजन को भी कम करने में मददगार है। इसे करने के लिए घुटनों के बल बैठें, एड़ियां बाहर की ओर और कूल्हे एड़ियों पर टिकाएं। हथेलियों को जांघों पर रखें और रीढ़ को सीधा रखें। सामान्य सांस लेते हुए 5-10 मिनट तक इस मुद्रा में रहना चाहिए।

सेतुबंधासन पेट के अंगों को सक्रिय करता है, पाचन शक्ति बढ़ाता है और तनाव को कम करने में मदद करता है। इसके लिए पीठ के बल लेटें, घुटनों को मोड़ें और पैरों को कूल्हों के पास लाएं। सांस लेते हुए कूल्हों को ऊपर उठाएं, रीढ़ को सीधा रखें। 20-30 सेकंड तक मुद्रा में रुकने के बाद, फिर धीरे-धीरे नीचे आना चाहिए।

त्रिकोणासन भी पाचन तंत्र की सक्रियता को बढ़ाता है, आंतों की गतिशीलता बढ़ाता है और कब्ज से राहत देता है। पैरों को 3-4 फीट दूर रखकर खड़े हों। दाएं पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर मोड़ें। सांस छोड़ते हुए दाएं हाथ से दाएं पैर को छूएं और बाएं हाथ को ऊपर उठाएं। 20-30 सेकंड रुकें, फिर दूसरी ओर दोहराएं।

उष्ट्रासन पेट की मांसपेशियों को खींचता है, पाचन अंगों को सक्रिय करता है और वात, अपच जैसी समस्याओं को कम करने में भी मददगार है। उष्ट्रासन के अभ्यास के दौरान घुटनों पर बैठें, पैरों को कूल्हों की चौड़ाई पर रखें। सांस लेते हुए पीछे की ओर झुकें और हाथों से एड़ियों को पकड़ें। सिर को पीछे ले जाएं और 20-30 सेकंड तक रुकें।

आयुष मंत्रालय के अनुसार ये योगासन मानसून में न केवल पाचन तंत्र को मजबूत करते हैं, बल्कि मानसिक शांति और समग्र स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद हैं। इनके प्रतिदिन अभ्यास करने से बारिश के मौसम में होने वाली पाचन संबंधित समस्याओं से बचा जा सकता है।

एक्सपर्ट के अनुसार, योग शुरू करने से पहले किसी प्रशिक्षित योग गुरु से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   9 July 2025 10:00 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story