Jabalpur News: हाईकोर्ट ने पूछा क्यों बंद हैं शहर के ट्रैफिक सिंग्नल

हाईकोर्ट ने पूछा क्यों बंद हैं शहर के ट्रैफिक सिंग्नल
  • जनहित याचिका पर कलेक्टर, एसपी, यातायात पुलिस व अन्य को नोटिस, जवाब तलब
  • ट्रांसपोर्ट नगर मामला: हाईकोर्ट ने कहा दस दिन में अतिक्रमण हटवाएं कलेक्टर
  • कोर्ट ने 15 मार्च 2021 तक कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।

Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जिला व पुलिस प्रशासन से पूछा है कि शहर के चौराहों पर लगे ट्रैफिक सिग्नल क्यों बंद हैं। एक जनहित याचिका पर एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने परिवहन आयुक्त, कलेक्टर जबलपुर, पुलिस अधीक्षक, डीएसपी ट्रांसपोर्ट, नगर निगम आयुक्त और स्मार्ट सिटी के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले पर अगली सुनवाई 28 जुलाई को हाेगी।

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव ने जनहित याचिका दायर कर कहा कि शहर की यातायात व्यवस्था चौपट हो गई है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि शहर में लगे लगभग सभी सिग्नल बंद हो चुके हैं। इनमें लगे कैमराें से निगरानी भी नहीं हो रही है, जिस कारण ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर ई-चालान नहीं हो पा रहा है।

इससे शासन को लाखों रुपए की क्षति हो रही है। ट्रैफिक सिग्नल चालू नहीं होने के कारण हर चौराहे पर जाम की स्थिति बनी रहती है। मुख्य चौराहा ब्लूम चौक पर प्रतिदिन लगभग 35 से 40 मिनट का जाम लग रहा है। नगर निगम, स्मार्ट सिटी एवं यातायात विभाग एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल देते हैं।

ट्रांसपोर्ट नगर मामला: हाईकोर्ट ने कहा दस दिन में अतिक्रमण हटवाएं कलेक्टर

ट्रांसपोर्ट नगर में अतिक्रमण का मामला पिछले सात वर्ष से लंबित है। हाईकोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद अभी भी वहां कुछ अतिक्रमण काबिज हैं। सोमवार सुबह जब मामले की सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा दोपहर को कलेक्टर हाजिर हों। दोपहर बाद सुनवाई के दौरान कलेक्टर दीपक सक्सेना वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाजिर हुए। उन्होंने भूमि से अतिक्रमण पूरी तरह से हटाने तथा खाली जमीन पर सरकार का कब्जा सुनिश्चित करने के लिए कुछ और समय मांगा।

इस पर कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि यह मामला पिछले सात वर्षों से लंबित है। यह न्यायालय कलेक्टर द्वारा दिए गए जवाबों की प्रकृति से संतुष्ट नहीं है। जस्टिस अतुल श्रीधरन व जस्टिस दीपक खोत की खंडपीठ ने कलेक्टर को 10 दिन के भीतर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने साफ कहा कि यदि अगली सुनवाई तक कार्रवाई नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।

मामले पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को निर्धारित की गई है। ट्रांसपोर्ट नगर व्यापारी संघ समिति की ओर से वर्ष 2019 में याचिका दायर कर कहा गया था कि माढ़ोताल स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में नगर निगम की जमीन के सर्वे नंबर 153 व 154 में बहुत से अतिक्रमण व अवैध कब्जे हैं।

2020 में भी दिए गए थे निर्देश

हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2020 को अंतिम आदेश देते हुए कहा था कि इस याचिका को अभ्यावेदन मानते हुए कलेक्टर स्वयं पहल करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करें, क्योंकि यह शासकीय जमीन पर अतिक्रमण का मामला है। कलेक्टर जांच के बाद उचित कार्रवाई करते हुए शासकीय जमीन को कब्जा मुक्त कराएं।

कोर्ट ने 15 मार्च 2021 तक कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। जब कार्रवाई नहीं हुई तो याचिका पुनर्जीवित की गई। इसके बाद भी कलेक्टर द्वारा कई बार मोहलत ली गई लेकिन कार्रवाई अधूरी रही।

Created On :   9 July 2025 5:55 PM IST

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