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Jabalpur News: पैर धुलाई प्रकरण, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व अन्य को जारी करें नोटिस

Jabalpur News: मप्र हाई कोर्ट ने दमोह जिले के ग्राम सतरिया में मंदिर के अंदर ओबीसी वर्ग के युवक से पैर धुलवाने को मजबूर करने वाले की सुनवाई करते हुए खबर प्रकाशित करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लल्लन टॉप व सत्य हिन्दी को फ्रेश नोटिस जारी करने के आदेश जारी किए हैं। जस्टिस विवेक अग्रवाल व जस्टिस एके सिंह की युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद निर्धारित की है। पूर्व में जस्टिस अतुल श्रीधरन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप सुनवाई शुरू की थी। बाद में वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने अनुज उर्फ अन्नू पांडे की ओर से याचिका में हस्तक्षेपकर्ता बनने तथा हाई कोर्ट द्वारा पारित आदेश पर पुनर्विचार करने का आवेदन पेश किया था।
आवेदन में कहा गया था कि पीड़ित व्यक्ति ने पहले आवेदनकर्ता की फोटो में एआई की मदद से जूतों की माला पहनाकर उसे सोशल मीडिया में वायरल की थी। संज्ञान याचिका पंजीकृत होने के पूर्व ही आवेदककर्ता सहित अन्य लोगों पर एनएसए की कार्यवाही की गई। युगलपीठ ने संबंधित खबर प्रकाशित करने वाले मीडिया हाउस को नोटिस जारी करते हुए घटना के संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए थे। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि संबंधित मीडिया हाउस को यदि नोटिस तामील नहीं हुए हैं तो रजिस्ट्री उन्हें फ्रेश नोटिस जारी करे।
क्यों नहीं पेश की डीएनए रिपोर्ट, जांच कराएं
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने दुष्कर्म से जुड़े एक मामले में सैंपल लेने के बावजूद ट्रायल कोर्ट में डीएनए रिपोर्ट पेश नहीं करने पर कड़ी नाराजगी जताई। जस्टिस विवेक अग्रवाल एवं जस्टिस एके सिंह की खंडपीठ ने डीजीपी को निर्देश दिए कि इस मामले में नर्मदापुरम के तत्कालीन एसपी और महिला जांचकर्ता अधिकारी की भूमिका की जांच कराएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि लगता है की विवेचना अधिकारी वैशाली उइके ने किसी के प्रभाव में आकर ऐसा किया है और आरोपी को बचाने की कोशिश की गई है। कोर्ट ने नर्मदापुरम के तत्कालीन एसपी के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए हैं, क्योंकि सैंपल भेजते समय उन्होंने भी दस्तावेज की सही जांच नहीं की थी।
अनियमितता की शिकायत पर करें कार्रवाई
हाई कोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने ग्राम पंचायत पनसोखड़, तहसील बड़वारा, कटनी में अनियमितता की शिकायत पर 90 दिन के भीतर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। कटनी निवासी गणेश कुमार साहू की ओर से अधिवक्ता शंकर प्रसाद सिंह व पद्मावती जायसवाल ने पक्ष रखा।
आदेश की नाफरमानी पर सतना कलेक्टर को अवमानना नोटिस
मप्र हाई कोर्ट के जस्टिस डीडी बंसल की एकलपीठ ने पूर्व आदेश की नाफरमानी पर कलेक्टर सतना को अवमानना नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। सतना निवासी रामगोपाल गुप्ता की ओर से अधिवक्ता शंभूदयाल गुप्ता व कपिल गुप्ता ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता शासकीय माध्यमिक विद्यालय कुशवाह, सतना में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत था। 29 फरवरी, 2016 को निलंबित कर दिया गया।
नियमानुसार 39 माह तक जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाना था। साथ ही 25 प्रतिशत वृद्धि के साथ 75 प्रतिशत गुजारा भत्ता भी देना था। ऐसा न किए जाने पर पूर्व में याचिका दायर की गई थी। कोर्ट ने 17 मई, 2025 को आदेश दिया था कि 90 दिन के भीतर कलेक्टर शिकायत का निराकरण करें। कोर्ट के आदेश सहित अभ्यावेदन देने पर भी कार्रवाई नहीं की गई, इसीलिए अवमानना याचिका दायर की गई है।
Created On :   1 Nov 2025 2:41 PM IST












