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Jabalpur News: डेंटिस्ट दे रहे स्किन ट्रीटमेंट, पॉल्यूशन नियंत्रण बोर्ड का सर्टिफिकेट भी नहीं

- शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शास्त्री ब्रिज स्थित डॉ. पॉल्स क्लीनिक का लाइसेंस 7 दिन के लिए किया निलंबित
- दो माह पूर्व भी स्वास्थ्य विभाग ने पॉल्स एडवांस हेयर एंड स्किन क्लीनिक को शोकॉज नोटिस जारी किया था।
Jabalpur News: एक मरीज द्वारा शिकायत किए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शास्त्री ब्रिज होम साइंस कॉलेज रोड स्थित पॉल्स एडवांस हेयर एंड स्किन क्लीनिक का पंजीयन 7 दिन के लिए निरस्त कर दिया है। शिकायत में कहा गया है कि क्लीनिक में डेंटिस्ट द्वारा स्किन का ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। वहीं जांच में सामने आया कि क्लीनिक में पॉल्यूशन नियंत्रण बोर्ड का सर्टिफिकेट नहीं है, जो कि नियमों का उल्लंघन है।
यह बात भी सामने आई है कि क्लीनिक का पंजीयन जिस चिकित्सक के नाम पर है, वे मूलत: पैथोलॉजिस्ट हैं, जबकि क्लीनिक पर एक डेंटिस्ट द्वारा स्किन और हेयर ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। सीएमएचओ कार्यालय द्वारा इस संबंध में डॉ. एसके पांडेय को पत्र जारी किया गया है, जिसके अनुसार पूर्व में जारी नोटिस के जवाब में मांगे गए जरूरी दस्तावेज प्रदान नहीं किए गए हैं, जिसमें पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का सर्टिफिकेट और अधिकृत चर्मरोग विशेषज्ञ के दस्तावेज शामिल हैं।
जिसके चलते 7 दिन के लिए क्लीनिक का पंजीयन निलंबित किया गया है, साथ ही निलंबन अवधि में जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। ऐसा न किए जाने पर क्लीनिक का पंजीयन स्थाई रूप से निरस्त करने की चेतावनी दी गई है।
दो माह पूर्व भी जारी हुआ था नोटिस
बता दें कि दो माह पूर्व भी स्वास्थ्य विभाग ने पॉल्स एडवांस हेयर एंड स्किन क्लीनिक को शोकॉज नोटिस जारी किया था। आरोप था कि क्लीनिक में पदस्थ डॉ. राज तिवारी द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म्स पर एलोपेसिया समेत अन्य हेयर संबंधी उपचारों को लेकर लगातार प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जो एक क्वालिफाइड डेंटिस्ट हैं, जबकि यह कार्य क्वालिफाइड चर्म रोग विशेषज्ञों द्वारा किया जाना चाहिए। नोटिस में 7 दिन के अंदर वर्तमान रजिस्ट्रेशन के साथ हेयर प्राेसीजर और ट्राइकोलॉजी से जुड़ी सर्टिफाइड ट्रेनिंग के दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया था, जो कि नहीं किया गया।
दस्तावेज नहीं मिले, इसलिए कार्रवाई
डॉ. पॉल्स क्लीनिक में उपचार लेने वाले एक मरीज ने शिकायत की थी कि यहां स्किन के ट्रीटमेंट के लिए अधिकृत चिकित्सक नहीं है। जिनके नाम पर क्लीनिक है, वे उपचार नहीं दे रहे हैं। पूर्व में भी क्लीनिक को दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। इसे लेकर ही कार्रवाई की गई है।
-डाॅ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ
Created On :   8 July 2025 6:41 PM IST