Jabalpur News: मेडिकल विवि को बंद करने की साजिश बर्दाश्त नहीं, शहर के साथ फिर भेदभाव

मेडिकल विवि को बंद करने की साजिश बर्दाश्त नहीं, शहर के साथ फिर भेदभाव
  • छात्र संगठन ने कहा- हर राज्य में एक मेडिकल विवि, जबलपुर में यह यूनिवर्सिटी तो परेशानी क्या
  • अगर यह यूनिवर्सिटी बंद होती है तो पूरे भारत में सिर्फ मध्य प्रदेश ऐसा प्रदेश होगा, जहां मेडिकल यूनिवर्सिटी नहीं होगी।

Jabalpur News: देश के हर राज्य में एक मेडिकल विवि है और यही विवि चिकित्सा शिक्षा से जुड़ी डिग्रियां, डिप्लोमा और उपाधि देते हैं। इन विवि से मिली डिग्री और क्षेत्रीय विवि से मिली डिग्री में अंतर नहीं होता, लेकिन देश में चिकित्सा शिक्षा से जुड़े विवि की डिग्री की वैल्यू अब अलग लेवल पर होती है।

इनका प्रबंधन, परीक्षा के तरीके अलग होते हैं और पूरे देश में जो प्रक्रिया है उसी को अपनाए रहने में सभी चिकित्सा शिक्षा से जुड़े छात्रों का भला होता है। यह बात एनएसओ छात्र संगठन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री को दिए ज्ञापन में कही। जबलपुर के मेडिकल विवि को जो बंद करने या इसमें ताला लगाने की कोशिश हो रही है संगठन इसका पुरजोर विरोध हर स्तर पर करेगा।

चिकित्सा शिक्षा को बर्बाद करने उतारू

संगठन के सदस्यों ने कहा कि सरकार मेडिकल यूनिवर्सिटी को बंद करने की कोशिश में मेडिकल शिक्षा को बर्बाद करने में तुली हुई है। विवि को बंद करने के प्रयास जबलपुर के विकास में बाधा से कम नहीं है। संगठन के गोपाल पाराशर, दीपक सिंह व राघवेन्द्र लोधी ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर संगठन भोपाल से लेकर दिल्ली तक धरना देकर प्रदर्शन करेगा। पप्पू कुमार, ज्योति, अमर, कुसुम, जितेन्द्र, प्रीतम, भुवनेश, प्रेम कुमारी, रजनी आदि ने कहा- शहर में खुले मेडिकल विवि को संचालित रहने के साथ इसमें पूरे रिक्त पद जल्द भरे जाएं।

कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के समय हमारा नेतृत्व कहां था

इधर कार्यपरिषद सदस्य, मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी डॉ. पवन स्थापक ने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग में जब यह प्रस्ताव पारित हुआ कि नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्सेस को रीजनल यूनिवर्सिटीज को दे दिया जाए, तब कैबिनेट मीटिंग में शामिल हमारे महाकौशल और जबलपुर का नेतृत्व कहां था। डॉ. स्थापक ने कहा कि मेडिकल यूनिवर्सिटी का कार्यक्षेत्र कम करने का यह प्रस्ताव क्या विरोध के योग्य नहीं था। आज जब मेडिकल यूनिवर्सिटी को कमजोर कर और अन्य कोर्सेस को भी रीजनल यूनिवर्सिटीज को देने का प्रयास चल रहा है, जबलपुर के जितने जिम्मेदार लोग हैं वे चुप क्यों हैं।

पहला प्रदेश होगा जहां मेडिकल विवि नहीं होगा

डॉ. स्थापक ने कहा कि मेडिकल विषयों का शिक्षण गुणवत्ता पूर्ण हो, इसलिए हमारे देश के हर प्रदेश में मेडिकल यूनिवर्सिटी है। अगर यह यूनिवर्सिटी बंद होती है तो पूरे भारत में सिर्फ मध्य प्रदेश ऐसा प्रदेश होगा, जहां मेडिकल यूनिवर्सिटी नहीं होगी।

आगे चलकर यूनिवर्सिटी के पास काम नहीं और इसकी अब जरूरत नहीं है यह कह कर बंद कर दिया जाएगा, यह बात स्वीकार नहीं की जा सकती। वर्ष 2023 में प्रस्ताव पास किया गया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी, रजिस्ट्रार एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी डॉ. हों यह जरूरी नहीं है, यह भी विरोध के योग्य है। मेडिकल विषयों की जानकारी डॉ. को ही बेहतर हो सकती है।

Created On :   9 July 2025 5:59 PM IST

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