BJP पर अल्पसंख्यकों को टारगेट करने का आरोप: विधायक मसूद को सुप्रीम कोर्ट से राहत, हाई कोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, जानें पूरा मामला

- कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर अल्पसंख्यकों को टारगेट करने का लगाया आरोप
- MLA मसूद को मिली बड़ी राहत
- हाई कोर्ट के फैसले पर उच्चतम न्यायालय की रोक
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र कांग्रेस ने शुक्रवार को भाजपा सरकार पर अल्पसंख्यकों को टारगेट करने का आरोप लगाया है। मीडिया विभाग अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि विधायक आरिफ मसूद अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने कहा मसूद के प्रियदर्शनी कॉलेज को मैने मंत्री रहने के दौरान सारे नियम शिथिल करते हुए कॉलेज की अनुमति दी थी। भाजपा की सकरार में वो सारे आदेश के दस्तावेज कहां चले गए। उसके बाद इनसे जो नियम हैंं चल - अचल संपत्ति , एफडी जमा करने के लिए कहा गया। करीब 25 कॉलेजों को जिनके पास जमीन, भवन पैसे नहीं थे महाविद्यालय दिए थे। आरिफ मसूद के संस्थान में 300 लोग निशुल्क शिक्षा ले रहे हैं। गरीब बच्चों को शिक्षा देते हैं। लेकिन आरोप लगाकर उनका कॉलेज समाप्त कर दिया। दमोह में मिशन अस्पताल गरीबों को जीवन देने वाला अस्पताल था। कोविड में उस अस्पताल ने सैकड़ों को जीवनदान दिया। अस्पताल पर झूठे आरोप लगाए गए। मिडी इंडिया सर्विसेस के अनाथालय को भी समाप्त कर दिया। दमोह में जलील बड्डे के गंगा - जमना स्कूल को खतम कर दिया गया। परिवार पर मुकदमें डाल दिए गए। जबलपुर में रज्जाक खान को बेकसूर होते हुए भी जेल में डाल दिया गया। बंदूखें जो छापामार में पकड़ी गईं थी सबके लाइसेंस थे। उनको एनएसए में जेल में बंद कर दिया। जैसे ही वो छूटने वाले होते हैं उनपर मुकदमें लगाकर जेल में डाल दिया जाता है।
तन्खा ने रखा मसूद का पक्ष
मसूद को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इंदिरा प्रियदर्शनी कॉलेज मामले में आदेश पर रोक लगा दी है। मसूद ने हाई कोर्ट के एफआईआर और एसआईटी जांच के आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट गए थे। मसूद की ओर से सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने पक्ष रखा। शुक्रवार को न्यायाधीश जेके माहेश्वरी की बेंच ने एचसी के आदेश पर रोक लगा दी। मसूद पर कॉलेज की मान्यता के लिए कूटरचित दस्तावेजों के उपयोग का आरोप है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया पर लिखा, सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलना उनकी सच्चाई और ईमानदारी का प्रमाण है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में दर्ज एफआईआर की जांच पर रोक लगाकर यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्य को दबाया नहीं जा सकता। मसूद पर दर्ज मुकदमा राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित प्रतीत होता है। कांग्रेस पार्टी उनके साथ मजबूती से खड़ी है और हमें देश की न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है।
Created On :   23 Aug 2025 3:32 PM IST