महाराष्ट्र सियासत: उद्धव और राज ठाकरे के साथ आने पर आया संजय राउत का रिएक्शन, बीजेपी पर किया तीखा प्रहार

- मुंबई के उद्योगपति जगत को दी चेतावनी
- भाजपा में डर का माहौल
- 20 साल बाद दोनों भाई एक मंच पर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र हिंदी भाषा को लेकर नोकझोंक के बीच उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। शिवसेना (उद्धव गुट) नेता और सांसद संजय साउत ने दोनों भाइयों के बीच संभावित राजनीतिक गठबंधन को लेकर नई दिशा में एक अहम कदम बताया है। उन्होंने कहा कि दोनों भाई एक मंच पर आ गए है, इससे पॉलिटिक्स को नई दिशा मिलेगी। साथ ही उन्होंने भाजपा पर तीखे आरोप लगाए है और कहा कि दोनों भाईयों के साथ आने से दिल्ली और प्रदेश की सत्ता के लोग घबराए हुए हैं।
संजय राउत ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "भाजपा की नीति पहले मुंबई को लूटने की है, फिर मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने और एक अलग विदर्भ के लिए खेल खेलने की है, जिससे महाराष्ट्र के अस्तित्व को समाप्त किया जा सके।"
सीएम फडणवीस का अतीत दिलाया याद
सांसद ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर साधा निशाना और कहा, "लोगों ने यह नहीं भूला है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अतीत में नागपुर में आंदोलनों के दौरान 'विदर्भ ही मेरा एकमात्र राज्य है' का संदेश देने वाले पोस्टर उठाए थे।"
मुंबई के उद्योगपति जगत को लेकर कही ये बात
राज्यसभा सांसद संजय राउत से सोशल मीडिया पर चेतावनी भरे लहजे में लिखा, "अगर ठाकरे भाइयों की एकता और नेतृत्व बरकरार नहीं रहा, तो मुंबई उद्योगपतियों द्वारा निगल ली जाएगी और एक दिन यह महाराष्ट्र का हिस्सा नहीं रहेगी।" उन्होंने आगे बताया कि अप्रैल में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई उद्धव ठाकरे से पुराने मतभेदों को तुच्छ बताया है और एकजुटता की बात कही थी।
साल 2005 से उद्धव और राज अलग हो गए थे, जिसके 20 साल बाद यानी 5 जुलाई को एक मंच पर दिखे और एक रैली को संबोधित किया था। इस मुलाकात का उन्होंने जिक्र करते हुए कहा, "5 जुलाई को राज और उद्धव ठाकरे का एक साथ आना 'मराठी मानूस' को आत्मविश्वास देने वाला क्षण था।" दोनों भाईयों की मुलाकात के बाद फडणवीस सरकार ने कक्षा पहली से हिंदी भाषा को लागू करने वाले प्रस्ताव को वापस ले लिया था।
गठबंधन होगा, तभी महाराष्ट्र को मिलेगी नई दिशा
हालांकि, संजय राउत ने दोनों भाईयों के गठबंधन को लेकर साफ किया और कहा, "इसका यह अर्थ नहीं है कि मराठी मानूस की सभी समस्याएं सुलझ गई हैं। मराठी मानूस को जो मुद्दे परेशान कर रहे हैं, वे वैसे ही बने हुए हैं। ठाकरे भाइयों ने हिंदी थोपने के खिलाफ एकजुटता दिखाई, लेकिन दोनों दलों के बीच राजनीतिक गठबंधन की अभी घोषणा नहीं हुई है। यह आवश्यक है कि गठबंधन हो, तभी महाराष्ट्र को नई दिशा मिलेगी।"
राउत ने आगे दावा किया, "ठाकरे भाइयों की एकता से दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकार हिल गई हैं।" ये उनका इशारा साफ तौर पर बीजेपी की तरफ था। जब दोनों भाई अलग हुए थे, उसके बाद राज ठाकरे ने सीएम फडणवीस से मुलाकात की थी, जिसके बाद से राज्य की राजनीति में उथल-पुलथ मचा हुआ था। इसका जिक्र करते हुए राउत ने कहा अब उस भ्रम को दूर राज ठाकरे करेंगे। उन्होंने आगे कहा, "मराठी मानूस को सबसे पहले मुंबई और ठाणे के लिए लड़ाई लड़नी चाहिए।"
Created On :   13 July 2025 5:37 PM IST