पश्चिम बंगाल: बीएलओ ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर जताया विरोध, चुनाव आयोग में की शिकायत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के 12 राज्यों में चुनाव आयोग के निर्देश पर हो रही एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विवाद जारी है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की टीएमसी सरकार के विरोध के बाद अब सरकारी स्कूलों में तैनात कर्मचारियों ने विरोध करना शुरु दिया है। राज्य के कई सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने अधिकारियों के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दी है और आरोप लगाए कि अधिकारी उन्हें राज्य में एसआईआर के लिए बूथ-लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के तौर पर काम करने के लिए नियमित शिक्षण वर्क से छूट नहीं दे रहे हैं। आपको बता दें अलग अलग सरकारी स्कूलों से पढ़ाने वाले अध्यापक ही बीएलओ के तौर पर तैनात है। जो एसआईआर करने में लगे हुए है। इन्हीं अध्यापकों ने अधिकारियों की ईसी से शिकायत की है। वे आयोग के आदेश का सम्मान नहीं कर रहे हैं।
बीएलओ का काम कर रहे शिक्षकों ने शिकायत की है कि उन्हें पहले हाफ में अपने नियमित शिक्षण कार्य में शामिल होने के लिए 'मजबूर' किया जा रहा है और फिर दूसरे हाफ में बीएलओ ड्यूटी के लिए भेज दिया जाता है। ऐसे में दोनों ही काम आधे अधूरे हो पा रहे है। जबकि चुनाव आयोग ने एसआईआर की समय सीमा तय कर रखी है। इसकी वजह से अधिक काम से दवाब बढ़ रहा है। साथ ही मतादातओं को बांटे जाने वाले फॉर्म इकट्ठा करने के प्रोसेस, उन फॉर्म का डिजिटाइजेशन और बीएलओ ऐप के जरिए अपलोड करने का काम भी प्रभावित हो रहा है। शिक्षकों ने चुनाव आयोग में यह शिकायत उस समय दर्ज कराई गई है, जब पश्चिम बंगाल में लगातार बीएलओ के आत्महत्या के मामलों ने तूल पकड़ा है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीएलओ पर अधिक प्रेशर ना बढ़े इसके लिए चुनाव आयोग अधिकारियों के खिलाफ आई शिकायतों को गंभीरता से ले रहा है, साथ ही चुनाव आयोग जल्द राज्य सरकार से बात कर बीएलओ को नियमित शिक्षण कार्य से हटाकर बीएलओ की ड्यूटी करने का निर्देश देगा। बीएलओ ने चुनाव आयोग से फॉर्म अपलोड के समय सर्वर की धीमी गति की भी शिकायत की है, तकनीकी टीम इस समस्या को हल करने में जुटी है।
Created On :   23 Nov 2025 11:37 AM IST












