बिहार विधानसभा चुनाव नतीजा 2025: 0 से कैसे 'हीरो' बने चिराग पासवान? NDA की जीत में LJP (R) ने लगाए चार चांद, स्ट्राइक रेट के मामले में पिता रामविलास को छोड़ा पीछे

0 से कैसे हीरो बने चिराग पासवान? NDA की जीत में LJP (R) ने लगाए चार चांद, स्ट्राइक रेट के मामले में पिता रामविलास को छोड़ा पीछे
  • इस बार के चुनाव में एनडीए खेमे से लोजपा (आर) ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं, बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा था। एनडीए से भले ही बीजेपी, जेडीयू ने कई सीटों पर जीत दर्ज क्यों न की हो, लेकिन चिराग पासवान की पार्टी ने कम सीटों पर चुनाव लड़ते हुए ज्यादा का स्ट्राइक रेट मेंटेन किया है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में महगठबंधन के पटखनी देते हुए एनडीए ने बंपर जीत दर्ज की है। वैसे तो एनडीए की जीत के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर नीतीश कुमार को जीत का क्रेडिट दिया जा रहा है। लेकिन, इन सबके बीच चिराग पासवान ने एक फिनिशर के रूप में सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। इस बार के चुनाव में एनडीए को जिताने में चिराग का बहुत हाथ रहा है।

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अलग लड़ने से हुआ था जेडीयू को नुकसान

दरअसल, इस बार के चुनाव में एनडीए खेमे से लोजपा (आर) ने 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था। वहीं, बीजेपी और जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा था। एनडीए से भले ही बीजेपी, जेडीयू ने कई सीटों पर जीत दर्ज क्यों न की हो, लेकिन चिराग पासवान की पार्टी ने कम सीटों पर चुनाव लड़ते हुए ज्यादा का स्ट्राइक रेट मेंटेन किया है।

इससे पहले 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान चिराग पासवान की पार्टी ने 5 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद पीएम मोदी ने उन्हें हनुमान कहा था। इसके बाद आज घोषित हुए विधानसभा चुनाव के रिजल्ट में भी एनडीए को इतनी बंपर सफलता दिलाने में चिराग ने अहम भूमिका निभाई है।

0 से हीरो बने चिराग पासवान

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ी थी। पार्टी ने 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि चुनाव में उसे खास कामयाबी तो नहीं मिली लेकिन, उसने जेडीयू का खेल बिगाड़ दिया था।

पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग की लोजपा (आर) ने जेडीयू के वोट काटे थे। जिसकी वजह से जेडीयू 43 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी थी। लेकिन, इस बार चिराग ने एनडीए में शामिल होकर चुनाव लड़ा और नीतीश विरोध में न कोई बयान दिया और न ही अपने उम्मीदवार उतारे, जिसका असर यह हुआ कि जेडीयू की सीटें पिछली बार के मुकाबले दोगुनी हो गईं। खुद चिराग की पार्टी का प्रदर्शन भी काफी अच्छा रहा।

Created On :   14 Nov 2025 10:41 PM IST

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