Abbas Ansari Case: पूर्व विधायक अब्बास अंसारी के इस भाषण की वजह से हुई थी सजा, इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली राहत

- चुनाव प्रचार के दौरान दिया भड़काऊ भाषण
- इस मामले में विधायक अंसारी को हुई थी सजा
- अधिकारियों का किया जाएगा हिसाब-किताब
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया मुख्यार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को बड़ी राहत मिली है। अदालत ने माऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से उन्हें 2 साल की सजा को रद्द कर दिया है। ऐसे में अब पूर्व विधायक की विधायकी बहाल हो जाएगी। ये फैसला जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने सुनाया है। बता दें कि साल 2022 विधानसभा चुनाव में सदर सीट से जीतकर विधायक बने थे।
हाईकोर्ट ने रिजर्व किया फैसला
दरअसल, अब्बास अंसारी ने सजा पर रोक लगाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिका को अदालत ने स्वीकार कर ली। इसके बाद कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनी। इसके बाद 30 जुलाई तक के लिए फैसला रिजर्व कर लिया था और कोर्ट ने आज फैसला अंसारी के पक्ष में सुनाया है। इस फैसले के बाद अब मऊ की सदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव नहीं होगा।
5 जुलाई को कोर्ट ने अपील की खारिज
आपको बता दें कि साल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान अंसारी पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था। इस मामले में मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 31 मई 2025 को अब्बास अंसारी को 2 साल की सजा और तीन हजार रुपए जुर्माना भी लगाया था। इसी आधार पर 1 जुलाई 2025 को अंसारी की विधायकी चली गई थी। इसके बाद उन्होंने जिला जज मऊ की अदालत में अपील की थी, लेकिन 5 जुलाई को इसे खारिज कर दी थी।
जिला अदालात के फैसले को दी चुनौती
इस फैसले को अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी। उनकी तरफ से अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में पक्ष रखा था, जबकि, योगी सरकार की ओर से वकील अजय कुमार मिश्रा और अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी ने दलीलें पेश की थीं। उस दौरान उन्होंने एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट मऊ के फैसले पर रोक लगाने का विरोध किया था।
अंसारी ने अपने भाषण में क्या कहा?
विधानसभा चुनाव के दौरान 3 मार्च 2022 को अंसारी ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को कहा था कि देख लेने की धमकी दी थी। इसके अगले दिन यानी 4 मार्च को सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के प्रत्याशी अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने हेट स्पीच का मुकदमा दर्ज किया था। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि अधिकारियों का हिसाब-किताब किया जाएगा। बता दें कि इस मामले में चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की थी।
Created On :   20 Aug 2025 4:22 PM IST