Israel-Iran War: ईरान पुराना दोस्त...भारत की चुप्पी परेशान करने वाली, सोनिया गांधी ने की इजरायल की निंदा, मोदी सरकार पर लगाया बड़ा आरोप

- ईरान-इजरायल के बीच 9 दिन से जंग जारी
- सोनिया गांधी ने ईरान पर इजरायली हमले की निंदा की
- ईरान को बताया भारत का पुराना दोस्त
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल और ईरान के जंग का आज नौवां दिन है। दोनों देश एक दूसरे पर जमकर हवाई हमले कर रहे हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। इस बीच कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने ईरान पर हमला करने को लेकर इजरायल की निंदा की है। उन्होंने कहा कि इजरायल खुद एक परमाणु शक्ति है लेकिन ईरान जिसके पास कोई परमाणु हथियार नहीं है, उसको टारगेट किया जा रहा है। ये इजरायल के दोहरे मापदंड को दर्शाता है।
भारत का पुराना दोस्त है ईरान
द हिंदू अखबार के एक आर्टिकल में सोनिया गांधी ने लिखा, ईरान को भारत का पुराना दोस्त बताते हुए कहा कि इन हालातों में भारत की चुप्पी हैरान करने वाली है। उन्होंने कहा कि ईरान में हो रहे इजरायली हमलों के खिलाफ भारत को स्पष्ट, जिम्मेदार और मजबूत आवाज में बोलना चाहिए। अभी देर नहीं हुई है।
इजरायल ने किया क्रूर हमला
सोनिया गांधी ने कहा कि 13 जून को हुआ ईरान का हमला संप्रभूता का उल्लंघन था। यह गैरकानूनी और क्षेत्रीय शांति के लिए खतरनाक था। कांग्रेस ईरान में हो रहे इन हमलों की निंदा करती है।
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, गाजा पर हमले की तरह यह इजराइली ऑपरेशन भी क्रूर और एकतरफा है, जो आम नागरिकों की जान और क्षेत्रीय स्थिरता को पूरी तरह नजरअंदाज करते हुए चलाया गया। ऐसे कदम केवल अस्थिरता को बढ़ाते हैं और आगे आने वाले समय में बड़े संघर्ष के बीज बोते हैं।
परमाणु हथियार बनाने पर काम नहीं कर रहा ईरान
सोनिया गांधी ने आर्टिकल में लिखा यह हमला उस वक्त हुआ जब ईरान-अमेरिका के बीच कूटनीतिक बातचीत जारी थी और इसके अच्छे संकेत भी मिल रहे थे। इस साल पांच दौर की बातचीत हो चुकी है और जून में छठे दौर की बातचीत होनी थी। मार्च में ही अमेरिका के नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने संसद में बताया था कि ईरान परमाणु हथियार बनाने पर काम नहीं कर रहा है। साल 2003 में इस प्रोग्राम को सस्पेंड किए जाने के बाद से अब तक ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह खामेनेई ने इसे दोबारा शुरू करने की अनुमति भी नहीं दी है।
ईरान के पक्ष में बोले भारत
सोनिया ने लिखा कि ईरान और भारत के बीच पुराने दोस्ताना संबंध रहे हैं। ईरान ने कई अहम मौकों पर भारत का साथ दिया है। उसने साल 1994 में यूएन में एक प्रस्ताव ब्लॉक करने में मदद की थी, जिसमें जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत की आलोचना की गई थी।
कांग्रेस चेयरपर्सन ने लिखा, इस मानवीय संकट के समय में मोदी सरकार ने भारत की टू-स्टेट सॉल्यूशन की प्रतिबद्धता को लगभग त्याग दिया है। एक ऐसा समाधान जिसमें स्वतंत्र फिलिस्तीन, इजराइल के साथ सुरक्षा और सम्मान के साथ मिलकर रह सकें। गाजा में हुई तबाही और अब ईरान के खिलाफ बिना उकसावे के हुई सैन्य कार्रवाई पर भारत सरकार की चुप्पी दिखाती है कि भारत अपनी नैतिक और कूटनीतिक परंपराओं से हट रहा है।
लेकिन, अभी भी देर नहीं हुई है। भारत को साफ तौर से बोलना चाहिए, जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए और हर कूटनीतिक माध्यम का उपयोग करना चाहिए ताकि तनाव को कम किया जा सके।
Created On :   21 Jun 2025 7:47 PM IST