बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जेडीयू के बिना भी बिहार में सरकार बना सकती है बीजेपी, दो दशक से मजबूत बने नीतीश अब बनेंगे मजबूर

जेडीयू के बिना भी बिहार में सरकार बना सकती है बीजेपी, दो दशक से मजबूत बने नीतीश अब बनेंगे मजबूर
अगर जेडीयू 25 सीटों से कम जीतती है तो वह नेताप्रतिपक्ष बनने के लिए सदन के 10 फीसदी सीट के नियम का पालन नहीं कर सकेंगी। और कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ रही आरजेडी के हाथ से विपक्षी नेता का पद भी छीन जाएगा। कुछ भी हो लेकिन ये बात तो तय है कि बिहार एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। अगर नीतीश सीएम बने तो केंद्र और बिहार में वो बीजेपी के लिए मजबूर होते नजर आ सकते है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने लगे है, एनडीए गठबंधन की सरकार साफ तौर पर बनती हुई दिखाई दे रही है, लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल ये उभरकर सामने आ रहा है , क्या फिर से नीतीश ही बिहार के सीएम होंगे या फिर 2005 से बिहार की सत्ता का पॉवर मैन नीतीश अब मजबूरी का शिकार हो जाएगा। क्योंकि दो दशक से सत्ता की गद्दी के लिए जो नीतीश बीजेपी के लिए मजबूरी बना हुआ था, अब वो खुद मजबूर हो सकता है। इसके पीछे अब तक सामने आए चुनावी रूझानों से अंदाजा लगा सकते है। इसे महाराष्ट्र में शिवसेना और बीजेपी के गठबंधन से समझ सकते है, यहां भी भले ही नीतीश कुमार दूसरे सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है, लेकिन वो मजबूर भी हो सकती है, सीएम के बिना सत्ता में बने रहने के लिए, या फिर एनडीए से नीतीश की जेडीयू को अलग कर बीजेपी खुद अपने अन्य सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बना लें।

क्योंकि पिछले दो दशक की बिहार के राजनीतिक सफर की बात की जाए तो नीतीश कुमार ने कई मौकों पर गठबंधन का पाला बदला हुआ है, उन्होंने कई बार बिहार की सियासत में उछलकूद मचाई है, लेकिन अब नीतीश कुमार दूसरे नंबर की बड़ी पार्टी बनके के बाद भी उछलकूद नहीं मचा सकते , क्योंकि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन में जाकर भी सरकार नहीं बना सकते। महागठबंधन में शामिल दलों की जीती हुई सीटों का कुल योग भी 40 नहीं हो पा रहा है, जबकि नीतीश कुमार की जेडीयू 80 सीट के आंकडें के ओर पास रहने की उम्मीद है।

दूसरी तरफ बीजेपी बड़ी पार्टी होने के साथ साथ एलजेपी और अन्य सहयोगी दल हम और रालोसपा के साथ सरकार बनाकर नीतीश को विपक्ष में बैठा सकती है, यानि एनडीए का ही पक्ष और विपक्ष। महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ जो हुआ वह बिहार में जेडीयू के साथ हो सकता है। क्योंकि आरजेडी 25 सीटों के करीब जीतने के करीब चल रही है। अगर तेजस्वी की पार्टी 25 सीटों से कम जीतती है तो वह नेताप्रतिपक्ष बनने के लिए सदन के 10 फीसदी सीट के नियम का पालन नहीं कर सकेंगी। और कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ रही आरजेडी के हाथ से विपक्षी नेता का पद भी छीन जाएगा। कुछ भी हो लेकिन ये बात तो तय है कि बिहार एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है। अगर नीतीश सीएम बने तो केंद्र और बिहार में वो बीजेपी के लिए मजबूर होते नजर आ सकते है।

Created On :   14 Nov 2025 3:38 PM IST

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