संविधान संशोधन: केंद्र सरकार के 130वां संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों के नेताओं का प्रहार जारी

- 2014 में किए गए अपने वादे 'न खाऊंगा और न खाने दूंगा' में विफल रही केंद्र सरकार- शिवसेना यूबीटी
- भ्रष्टाचार के नाम पर विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया
- विपक्ष मुक्त लोकतंत्र करने की एक परियोजना, नाकामयाब होगी परियोजना- मनोज झा
डिजिटल डेस्क, पटना। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 130वां संविधान संशोधन विधेयक पर कहा हाल ही में संविधान संशोधन का प्रस्ताव लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया गया है। इस पर गंभीरता और विस्तार से चर्चा करने के लिए इसे JPC को भेजा गया है जिसमें लोकसभा से 21 और राज्यसभा से 10 सदस्य होंगे। यह निर्णय लिया गया है कि इसकी रिपोर्ट अगले संसद सत्र के दूसरे सप्ताह से पहले प्रकाशित कर दी जाए ताकि इसे अगले सत्र में पारित किया जा सके। प्रधानमंत्री का हमेशा से संकल्प रहा है कि राजनीतिक क्षेत्र और शासन में सूचिता होनी चाहिए। जो लोग खतरे में हैं और जिन्होंने ऐसे काम किए हैं, उनका डरना स्वाभाविक है।
केंद्र सरकार के 130वां संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्षी दलों के नेताओं की ओर से हर दिन आरोप लगाए रहे है। आरजेडी नेता मनोज झा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा लोकसभा में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार मंत्रियों को हटाने संबंधी तीन विधेयक पेश किए जाने पर कहा यह विपक्ष मुक्त लोकतंत्र करने की एक परियोजना है और वो परियोजना नाकामयाब होगी, यह मैं बार-बार कह रहा हूं।
शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने 130वां संविधान संशोधन विधेयक पर कहा ये सभी चाहते हैं कि राजनीति में पारदर्शिता हो और नेता भ्रष्टाचार से दूर रहें, लेकिन साथ ही, सरकार 2014 में किए गए अपने वादे 'न खाऊंगा और न खाने दूंगा' में विफल रही है, जिस तरह से भ्रष्टाचार के नाम पर विपक्षी नेताओं को जेल में डाला गया, ED, CBI, IT को भाजपा मुख्यालय से चलाया जा रहा है, और यह बिल लाकर उन्होंने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कि वे विपक्षी नेताओं को सत्ता से हटाकर उनकी पार्टी को तोड़ने और खत्म करने की कोशिश करेंगे। हम जेपीसी में इसका कड़ा विरोध करेंगे, यह लोकतंत्र के खिलाफ है।
Created On :   23 Aug 2025 3:14 PM IST