न्योता और राजनीति: मायावती ने स्वीकार किया रामलला प्राण प्रतिष्ठा का मिला न्योता, बीएसपी प्रमुख ने समारोह में जाने किया मना

मायावती ने स्वीकार किया रामलला प्राण प्रतिष्ठा का मिला न्योता, बीएसपी प्रमुख ने समारोह में जाने किया मना
  • सपा प्रमुख अखिलेश को नहीं मिला न्योता
  • विहिप ने बसपा चीफ को दिया निमंत्रण
  • कांग्रेस नेताओं ने ठुकराया न्योता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण देश के सभी राजनैतिक दलों के अध्यक्षों को भेजा रहा है। इस कड़ी में उत्तरप्रदेश की चार बार की मुख्यमंत्री रही बसपा प्रमुख मायावती को रामलला प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित करने के लिए निमंत्रण मिला है। शनिवार को विश्व हिंदू परिषद ने बताया कि बसपा प्रमुख मायावती को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण दिया गया। वीएचपी ने भी बताया कि बीएसपी मुखिया मायावती ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। लेकिन वह समारोह में शामिल नहीं होंगी। विश्व हिंदू परिषद का कहना है कि उत्तर प्रदेश के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों, अखिलेश यादव और मायावती को 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह में आमंत्रित किया गया।

आपको बता दें समाजवादी पार्टी के चीफ व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कूरियर द्वारा भेजा गया निमंत्रण पत्र नहीं मिला है। अखिलेश यादव ने इसकी जानकारी दी। विश्व हिंदू परिषद निमंत्रण वितरण में राम मंदिर ट्रस्ट की सहायता कर रहा है। निमंत्रण को लेकर सपा चीफ ने अखिलेश यादव ने पहले कहा था कि अगर उन्हें आमंत्रित किया जाएगा तो वह अयोध्या जाएंगे। बाद में उन्होंने कहा, 'भगवान जिसे बुलाए तो उसे कौन रोक सकता है। भगवान राम जब बुलाएंगे तो मैं अयोध्या चला जाऊंगा। मैं किसी ऐसे व्यक्ति के निमंत्रण पर कैसे जा सकता हूं, जिसे मैं जानता नहीं।

इस पर विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने मीडिया से कहा, 'अखिलेश यादव को निमंत्रण भेजा गया था। उस पर कोई विवाद नहीं है। उनके दावे के मुताबिक अगर उन्हें यह नहीं मिला है तो हम उन्हें दोबारा निमंत्रण भेज सकते हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से 22 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अयोध्या आने का निमंत्रण भेजा गया था। लेकिन कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम बताते हुए आमंत्रण को ठुकरा दिया।

आलोक कुमार ने बताया है कि 22 जनवरी के समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भी आमंत्रित किया गया है, लेकिन वे अपने प्रोटोकॉल के चलते नहीं आएंगे। हालांकि, वे दोनों राम मंदिर ट्रस्ट के साथ चर्चा के बाद सुविधाजनक तारीख पर अयोध्या आएंगे।

Created On :   13 Jan 2024 6:57 AM GMT

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