गुजरात के नतीजों से साबित, कांग्रेस में किसी राष्ट्रीय मोर्चे का नेतृत्व करने की प्रासंगिकता नहीं : तृणमूल

Congress has no relevance to lead a national front as Gujarat results prove: Trinamool
गुजरात के नतीजों से साबित, कांग्रेस में किसी राष्ट्रीय मोर्चे का नेतृत्व करने की प्रासंगिकता नहीं : तृणमूल
गुजरात गुजरात के नतीजों से साबित, कांग्रेस में किसी राष्ट्रीय मोर्चे का नेतृत्व करने की प्रासंगिकता नहीं : तृणमूल
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  • गुजरात के नतीजों से साबित
  • कांग्रेस में किसी राष्ट्रीय मोर्चे का नेतृत्व करने की प्रासंगिकता नहीं : तृणमूल

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस ने 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ किसी भी राष्ट्रीय मोर्चे का नेतृत्व करने के लिए अपनी प्रासंगिकता खो दी है। पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने यह बात कही है।

तृणमूल नेताओं ने यह भी दावा किया कि गुजरात के नतीजे यह भी साबित करते हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकमात्र विश्वसनीय चेहरा हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ लोकतांत्रिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष तीसरे विकल्प का नेतृत्व करती हैं।

उन्होंने कहा, गुजरात में मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस के बीच थी और कांग्रेस को वहां बहुत कुछ साबित करना था। लेकिन हिमाचल प्रदेश में कुछ प्रगति करने के बावजूद कांग्रेस गुजरात में बुरी तरह विफल रही। एक तरफ, कांग्रेस भारत जोड़ो का आयोजन कर रही है, मगर यह गुजरात को एकजुट करने में विफल रही।

तृणमूल के राज्य महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, कांग्रेस को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। जो लोग गुजरात में विफल रहे, वे कभी भी अपने फैसलों और रणनीतियों के माध्यम से लोकसभा को नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। कांग्रेस के लिए ये अब तक के सबसे बुरे नतीजे हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात के नतीजे साबित करते हैं कि अभी ममता बनर्जी राष्ट्रीय स्तर पर तीसरे विकल्प का नेतृत्व करने के लिए मोदी के खिलाफ एकमात्र विकल्प हैं।

घोष ने कहा, यह फिर से साबित हो गया है कि एक लोकतांत्रिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष ताकत के लिए तीसरे भाजपा विरोधी विकल्प के मामले में तृणमूल कांग्रेस सबसे प्रासंगिक और महत्वपूर्ण विकल्प है। केवल ममता बनर्जी, सात बार लोकसभा सदस्य, चार बार केंद्रीय मंत्री और तीन बार मुख्यमंत्री बनीं। वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ एकमात्र वैकल्पिक चेहरा हैं।

राज्य के कांग्रेस नेतृत्व ने हालांकि घोष के दावे को खारिज करते हुए कहा कि तृणमूल को राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण बर्थ का लक्ष्य रखने से पहले पश्चिम बंगाल के बाहर अपने आधार का विस्तार करने का प्रयास करना चाहिए।

राज्य कांग्रेस के नेता कौस्तव घोषाल ने कहा, पश्चिम बंगाल के बाहर कहीं भी तृणमूल कांग्रेस का जनाधार शून्य है। इसलिए, पार्टी नेतृत्व को कांग्रेस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने से पहले इस कारक पर ध्यान देना चाहिए।

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि एक समय में तृणमूल भाजपा विरोधी राष्ट्रीय मंच में अपना स्थान तेजी से खो रही थी, विशेष रूप से उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान से परहेज करने के अपने निर्णय के बाद और पार्टी नेतृत्व गुजरात चुनाव के नतीजों को उस खोए हुए स्थान को फिर से हासिल करने के अवसर के रूप में देख रहा है।

वरिष्ठ राजनीतिक पर्यवेक्षक अरुं धति मुखर्जी ने कहा, हालांकि, इस गिनती पर कोई भविष्यवाणी करना जल्दबाजी होगी।

 

 

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Created On :   8 Dec 2022 9:00 PM IST

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