वीपीडीओ भर्ती का पेपर लीक होने के सात साल बाद आरोपियों को नोटिस

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
उत्तराखंड वीपीडीओ भर्ती का पेपर लीक होने के सात साल बाद आरोपियों को नोटिस

डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड में वीपीडीओ भर्ती का पेपर लीक होने के सात साल बाद उसके आरोपी अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। आयोग ने 35 अभ्यर्थियों की सूची जारी करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा है। जवाब आने के बाद आयोग इन सभी पर पांच साल का प्रतिबंध लगाएगा।

अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने छह मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) के 196 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा कराई थी। भर्ती में ओएमआर शीट को दो सप्ताह तक गुप्त स्थान पर रखकर उसमें छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे।

इसका परिणाम उसी साल 26 मार्च को जारी किया गया था। दो सगे भाई टॉपर बन गए थे, तो ऊधमसिंह नगर जिले के एक ही गांव के 20 से ज्यादा युवाओं का चयन हो गया था। इस मामले की जांच हुई थी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई थी।

परीक्षा एक दिसंबर 2017 को रद्द हो गई थी। आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत ने इस्तीफा दे दिया था। आयोग ने 25 फरवरी 2018 को दोबारा परीक्षा कराई थी। 2016 की परीक्षा में हुई गड़बड़ी का पदार्फाश पिछले साल हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक के बाद हुआ। एक बार फिर जांच हुई और आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव व परीक्षा नियंत्रक को जेल जाना पड़ा।

अब गड़बड़ी करने वाले 35 अभ्यर्थियों पर आयोग ने शिकंजा कसा है। आयोग की वेबसाइट पर उनके नाम सार्वजनिक कर नोटिस जारी किया गया है। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   11 April 2023 8:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story