उप्र सरकार में राज्य मंत्री विजय कश्यप का कोरोना से निधन, 29 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती थे

UP Minister Vijay Kashyap Succumbs to Covid-19, Fifth BJP MLA to Lose Battle to Virus
उप्र सरकार में राज्य मंत्री विजय कश्यप का कोरोना से निधन, 29 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती थे
उप्र सरकार में राज्य मंत्री विजय कश्यप का कोरोना से निधन, 29 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती थे

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में बाढ़ एवं नियंत्रण राज्य मंत्री और मुजफ्फरनगर की चरथवल विधानसभा सीट से विधायक विजय कश्यप की मंगलवार को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। 29 अप्रैल को कोरोना का टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कश्यप 56 साल के थे। वह उत्तर प्रदेश के पांचवें विधायक हैं जो दूसरी लहर में COVID-19 से लड़ाई हार गए हैं।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजय कुमार कश्यप के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा- विजय कुमार कश्यप एक लोकप्रिय जनप्रतिनिधि थे। प्रदेश सरकार के मंत्री के रूप में उन्होंने सदैव अपने दायित्वों का कुशलपूर्वक निर्वहन किया। कश्यप के निधन से जनता ने अपना एक सच्चा हितैषी खो दिया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

राज्य के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करते हुए कहा- मुजफ्फरनगर के चरथावल से लोकप्रिय विधायक एवं प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री विजय कश्यप जी के निधन से अत्यंत दुःखी हूं। समाज सेवा के लिए सदैव समर्पित रहने वाले नेता का निधन पार्टी व प्रदेश के लिए अपूरणीय क्षति है।

विजय कश्यप का संघ में भी बड़ा कद था। वह सहारनपुर के जिला बौद्धिक प्रमुख भी रहे। सहारनपुर जनपद के नानौता के रहने वाले विजय कश्यप का अपनी बिरादरी में खासा जनाधार माना जाता था। पहली बार 2007 में चरथावल से चुनाव लड़े, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में वह चरथावल सीट से विधायक निर्वाचित हुए। विजय कश्यप भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य रहे थे। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा प्रत्याशी मुकेश चौधरी को 23 हजार से ज्यादा मतों से शिकस्त दी थी।

इससे पहले 7 मई को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक दल बहादुर कोरी ने लखनऊ के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया, जहां उन्हें लगभग एक सप्ताह पहले भर्ती कराया गया था। उनसे पहले, बरेली के नवाबगंज निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक केसर सिंह गंगवार का नोएडा के एक अस्पताल में कोरोनावायरस से निधन हो गया था। सिंह को शुरू में भोजीपुरा के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, और ठीक होने के बाद उन्हें वहां से छुट्टी दे दी गई थी। हालांकि, उनकी तबीयत फिर से बिगड़ने के बाद, उन्हें फिर से अस्पताल ले जाया गया था।

23 अप्रैल को लखनऊ (पश्चिम) के विधायक सुरेश कुमार श्रीवास्तव की संक्रमण से मौत हो गई थी। दो दिन बाद उनकी पत्नी मालती का भी निधन हो गया थी। दोनों का इलाज लखनऊ के एक अस्पताल में चल रहा था। उनकी मृत्यु से पहले, सुरेश श्रीवास्तव के ड्राइवर ने वायरस के कारण दम तोड़ दिया था।

औरैया सदर के एक अन्य भाजपा विधायक रमेश चंद्र दिवाकर की 22 अप्रैल को कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई थी। संक्रमण के बाद, दिवाकर को फेफड़ों की समस्या होने लगी थी, और उन्हें गंभीर हालत में मेरठ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सहित अन्य राजनीतिक दलों के नेता भी घातक वायरस की चपेट में आ गए हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा में विधायकों के 403 पद हैं। इनमें से 307 विधायक भाजपा के, 49 सपा के और 18 बसपा के हैं।

Created On :   18 May 2021 11:39 PM IST

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