शिवसेना-NCP-कांग्रेस सरकार बचाने के लिए बचा है एक तरीका और, इस फॉर्मूले से महाराष्ट्र में काबिज रह सकती है उद्धव सरकार!

Will Uddhav Thackeray be able to save the government?,Know the calculation to form a govt. in Maharashtra
शिवसेना-NCP-कांग्रेस सरकार बचाने के लिए बचा है एक तरीका और, इस फॉर्मूले से महाराष्ट्र में काबिज रह सकती है उद्धव सरकार!
महाराष्ट्र संकट शिवसेना-NCP-कांग्रेस सरकार बचाने के लिए बचा है एक तरीका और, इस फॉर्मूले से महाराष्ट्र में काबिज रह सकती है उद्धव सरकार!

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना नेता एवं प्रदेश के शहरी विकास और लोक निर्माण मंत्री एकनाथ शिंदे के बागी होने के बाद उद्धव ठाकरे के सामने अपनी कुर्सी बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है। जानकारी के मुताबिक, शिंदे 26 विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में ठहरे हुए हैं, जिसमें शिवेसना और उद्धव सरकार का समर्थन करने वाले कई निर्दलीय विधायक भी शामिल हैं। 

शिंदे के साथ 26 विधायक साथ हैं , जिनमें 15 शिवसेना  विधायक बताए जा रहे हैं, शेष अन्य दलों के विधायक के साथ  निर्दलीय विधायक बताए जा रहे हैं। ऐसे में  दलबदल कानून के चलते शिवसेना के 15 विधायकों की विधायकी निरस्त हो सकती हैं। ऐसे में 288 में 15 सदस्य घटाकर 273 विधायक होेगे, इनमें से एक विधायक की सीच खाली हैं ,जिसके कारण विधानसभा सदन में 272 विधायक मत कर सकते हैं। और सत्ता के लिए 137 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। शिवसेना के पास अभी 169 विधायकों का समर्थन हासिल हैं, इनमें से सभी 26 विधायकों को हटा दिया जाए तो एमवीए सरकार के पास 143 विधायक शेष बचेंगे। ऐसे में शिवसेना अपना बुहमत नहीं खो पाएंगी। और वह सत्ता में बनी रहेगी। शिवसेना को प्राप्त बहुमत  के आंकडें के आधार पर ये अनुमान लगाया जा सकता है कि शिवसेना नेतृत्व में उद्धव सरकार को कोई खतरा नहीं हैं। इसी के चलते शिवसेना ने विधायक दल के नेता पद से एकनाथ शिंदे को हटा दिया गया हैँ। 

एमवीए सरकार को तब तक कोई खतरा नहीं हैं जब तक समर्थित दल कांग्रेस और एनसीपी के कुछ विधायक बीजेपी को सपोर्ट न कर दें। या फिर शिवसेना के दो तिहाई विधायक यानि 37 विधायक बीजेपी को समर्थित नहीं कर देते हैं। 

इससे पहले बीजेपी ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में महा विकास आघाड़ी को मात दी थी, जहां राज्य में बीजेपी 5 सीटें जीतने में कामयाब रही है जबकि महा विकास आघाड़ी के एनसीपी-शिवसेना के हिस्से में दो-दो सीटें आई थी वहीं कांग्रेस एक सीट पर ही सिमट कर रह गई थी। 

इस शिकस्त के बाद से ही प्रदेश में शिवसेना के जाने की चर्चाएं होने लगी थी। लेकिन अभी सबसे बड़ा सवाल जो मन में आ रहा है वह यही है कि क्या 26 विधायकों का समर्थन छीनने के बाद शिवसेना अपनी सत्ता बचा पाएगी? 

तो आइये जानते है महाराष्ट्र में सत्ता स्थापित करने का गणित -

  • महाराष्ट्र में कुल 288 सीटें है, राज्य में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरुरत होगी। 
  • लेकिन मौजूदा कार्यकाल के दौरान एक विधायक की मृत्यु हो गई थी, जिसकी वजह से अब 287 विधायक बचे हैं और सरकार बनाने के लिए 144 विधायक चाहिए। 

ये है शिवसेना का हाल 

प्रदेश में फिलहाल सत्तादल शिवेसना की अगुवाई में महा विकास अघाड़ी के पास 169 विधायकों का समर्थन है, जिसमें शिवसेना के 56, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक शामिल है। इसके अलावा सपा के 2, पीजीपी के 2, बीवीए के 3 और 9 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी सरकार को हासिल है। 

राज्य में सरकार बनाने के लिए 144 विधायक की जरुरत है, जबकि शिंदे के साथ 26 विधायक मौजूद है, यदि सभी अपना समर्थन वापस ले लेते है तो महा विकास अघाड़ी 143 विधायकों के साथ अपनी सीट नहीं बचा पाएगी।

बीजेपी को चाहिए इतने विधायक 

राज्य में फिलहाल, बीजेपी के पास 113 विधायक है, जिसमें जिसमें बीजेपी के 106, आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं। यदि बीजेपी महाराष्ट्र में फिर से सत्ता संभालना चाहती है तो उसे 31 विधायकों के समर्थन की जरुरत है। अगर बीजेपी को बागी नेताओं का समर्थन भी हासिल होता है तो उसके पास 139 विधायक हो जाएंगे, जो सत्ता संभालने से 5 कम होंगे। 

सरकार बचाने का फॉर्मूला

शिवसेना की गठबंधन सरकार और बीजेपी के गठबंधन के अलावा प्रदेश में 5 और विधायक हैं। जो न बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं और न ही गठबंधन सरकार को समर्थन दे रहे हैं। अगर शिवसेना को इन विधायकों का समर्थन मिलता है तो सरकार बचने की संभावना हो सकती है। इन पांच विधायकों में दो विधायक असदुद्दीन ओवैसी कै हैं। ऐसे में ओवैसी भी सरकार बचाने में बड़ी भूमिका अदा कर सकते हैं।

Created On :   21 Jun 2022 8:53 AM GMT

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