मालेगांव ब्लास्ट केस: NIA कोर्ट के आरोपियों के बरी होने के फैसले पर साध्वी प्रज्ञा की बहन उपमा सिंह ने कहा सत्य की जीत हुई

- साध्वी सत्य के साथ थीं इसीलिए उनकी जीत हुई- उपमा
- बिना अपराध को साबित किए, मनमाने ढंग से प्रताड़ित किया गया
- आज भगवा , हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म की जीत हुई
डिजिटल डेस्क, बिलासपुर। छत्तीसगढ़ 2008 के मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा और अन्य आरोपियों को NIA कोर्ट द्वारा बरी किए जाने पर उनकी बहन उपमा सिंह ने कहा, "सत्य की जीत हुई है। साध्वी सत्य के साथ थीं इसीलिए उनकी जीत हुई है। बिना अपराध को साबित किए, उन्हें मनमाने ढंग से इतना प्रताड़ित किया गया कि शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। उन्होंने क्या-क्या सहा, यह तो वही जानती हैं। आज 'भगवा' की जीत हुई है। हिंदू राष्ट्र की जीत हुई है। सनातन धर्म' की जीत हुई है।
मालेगांव ब्लास्ट मामले में NIA कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, "मैं कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। इतने लंबे समय इन बेकसूर लोगों ने जेल में समय बिताया है। आज कोर्ट ने उन्हें बेकसूर साबित किया है। यह उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने इसे 'भगवा आतंकवाद' कहा था। कोर्ट का निर्णय बेकसूर लोगों को बहुत राहत देने वाला निर्णय है।
खुश व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं- उमा भारती
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा सहित सभी आरोपियों को NIA कोर्ट द्वारा बरी किए जाने पर मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा मैं इतनी खुश हूं कि मेरे पास व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं। जब प्रज्ञा नासिक जेल में थीं, मुझे एक पुलिस अधिकारी के माध्यम से पता चला कि उन्हें बहुत प्रताड़ित किया गया था। मैं उनसे मिलने गई थी जब कोई और नहीं जाता था। जब मैं उनसे मिली तो मैं रोई, जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया, वह किसी भी महिला के लिए सहन करना बहुत मुश्किल है। मैं पूछना चाहती हूं कि पी. चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, राहुल गांधी, वामपंथी, समाजवादी और कांग्रेस के नेताओं को क्या सजा मिलनी चाहिए, जिन्होंने 'भगवा आतंक' शब्द को स्थापित करने की कोशिश की?... उनके खिलाफ असाधारण कार्रवाई की जानी चाहिए।
17 साल तक केस लड़ना पड़ा- आरोपी राकेश धावड़े की बहन और वकील नीता धावड़े
2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में NIA कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर, आरोपी राकेश धावड़े की बहन और वकील नीता धावड़े ने कहा, हमने पहले ही अपनी बेगुनाही साबित कर दी थी, लेकिन हमें 17 साल तक केस लड़ना पड़ा। आज का फैसला बहुत महत्वपूर्ण है, और हम खुश हैं, हमने जो 17 साल सहे हैं, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। हमारी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी, और मानसिक रूप से हम पूरी तरह से थक चुके थे। इस वजह से हमारा पूरा परिवार टूट गया था। यह कांग्रेस सरकार ही थी जिसने हिंदू आतंकवाद की अवधारणा को बढ़ावा दिया था। अब, अदालत के फैसले ने साबित कर दिया है कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकते
Created On :   31 July 2025 6:06 PM IST