RSS Chief Supports Campaign: RSS चीफ मोहन भागवत ने किया ऐलान, संघ के स्वयंसेवक इन आंदोलन में ले सकते हैं भाग

- आरएसएस संघ ने राम मंदिर आंदोलन का किया समर्थन
- काशी और मथुरा समेत अन्य अभियानों का संघ नहीं करेगा समर्थन
- 75 साल की आयु पर संन्यास लेने वाली अटकलों पर किया स्पष्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चीफ ने गुरुवार को बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर एक मात्र ऐसा आंदोलन था, जिसका संघ ने समर्थन किया था। वहीं, काशी और मथुरा समेत अन्य अभियानों का किसी स्तर पर समर्थन नहीं करेगा। ये बयान उन्होंने दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यान शृंखला के अंतिम दिन दिया है। उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए कहा कि आरएसएस के स्वयंसेवक ऐसे आंदोलनों में शामिल हो सकते हैं।
संघ के स्वयंसेवक स्वतंत्र
आरएसएस चीफ ने कहा, "राम मंदिर एकमात्र ऐसा आंदोलन रहा जिसका आरएसएस ने समर्थन किया है, वह किसी अन्य आंदोलन में शामिल नहीं होगा, लेकिन हमारे स्वयंसेवक इसमें शामिल हो सकते हैं। काशी-मथुरा में आंदोलनों का संघ समर्थन नहीं करेगा, लेकिन स्वयंसेवक इसमें भाग ले सकते हैं।"
इस कार्यक्रम के दौरान मोहन भागवत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को लेकर कहा कि यह भाषाएं सीख सकती है। इसके बाद उनसे सवाल किया गया कि क्या यह भावनाओं को भी समझ सकती है। इस पर भागवत ने कहा कि संघ भी एआई को अपनाने के लिए आगे बढ़ रहा है।
आरएसएस प्रमुख ने एआई के सवाल पर आगे कहा, "इसके फायदे और नुकसान का अध्ययन करने के बाद, मुझे बताया गया है कि एआई का इस्तेमाल कविता लिखने के लिए किया जा सकता है। यह भाषाएं सीख सकता है, लेकिन क्या यह भावनाओं को समझ सकता है?"
संन्यास की अटकलों पर कही ये बात
आरएसएस चीफ के 75 वर्ष होने पर पद छोड़ने वाली अटकलों को लेकर भागवत ने कहा कि वे 75 साल की आयु में पद छोड़ देंगे या किसी को इस उम्र में संन्यास लेना चाहिए। भागवत की इस टिप्पणी से नेताओं के संन्यास लेने वाले बयानों वाली अटकलों पर विराम लगा दिया है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी जोड़कर देखा जा रहा था। बता दें कि पीएम मोदी और मोहन भागवत अगले महीने 75 साल के हो जाएंगे।
Created On :   28 Aug 2025 11:06 PM IST