पश्चिम बंगाल पॉलिटिक्स: महुआ मोइत्रा के सुअर वाले बयान पर आगबबूला हुए कल्याण बनर्जी, TMC में इस बड़े पद से सौंपा इस्तीफा

महुआ मोइत्रा के सुअर वाले बयान पर आगबबूला हुए कल्याण बनर्जी, TMC में इस बड़े पद से सौंपा इस्तीफा
  • महुआ मोइत्रा के सुअर वाले बयान पर बवाल
  • टीएमसी सांसद के बयान से आगबबूला हुए कल्याण बनर्जी
  • टीएमसी में इस बड़े पद से सौंपा इस्तीफा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने एक पॉडकास्ट में की गई टिप्पणी को लेकर अपनी ही पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा पर हमला बोला है। दरअसल, महुआ मोइत्रा ने इस पॉडकास्ट में कल्याण बनर्जी को सुअर कह दिया था। इसके बाद कल्याण बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि एक साथी सांसद की तुलना सुअर से करने जैसी भाषा का इस्तेमाल करना न केवल दुर्भाग्यपूर्ण है, बल्कि नागरिक संवाद के बुनियादी मानदंडों को भी दर्शाता है।

महुआ मुोइत्रा के बयान पर बवाल

कल्याण बनर्जी ने कहा, "जो लोग गाली-गलौज करते हैं उन्हें ये तय करना चाहिए कि वे किस तरह की राजनीति कर रहे हैं। इससे पता चलता है कि वे कितने खोखले हैं। जब कोई जनप्रतिनिधि गाली-गलौज और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है तो यह उसकी ताकत नहीं, बल्कि असुरक्षा का प्रतीक है।"

इस दौरान कल्याण बनर्जी ने महुआ मोइत्रा की बीजेडी नेता पिनाकी मिश्रा से शादी करने पर सवाल उठाया था। इसके बाद इंडिया टुडे के एक पॉडकास्ट में महुआ मोइत्रा ने कहा, "आप सुअर से कुश्ती नहीं लड़ते क्योंकि सुअर को यह पसंद है कि आप गंदे हो जाएं। भारत में महिला विरोधी, सेक्सुअली फ्रस्टेटड और भ्रष्ट पुरुष है, जिनका प्रतिनिधित्व सभी पार्टियों में है।"

कल्याण बनर्जी ने टीएमसी के बड़े पद से दिया इस्तीफा

इस पर कल्याण बनर्जी ने कहा, "मैंने जो कहा वह सार्वजनिक जवाबदेही और व्यक्तिगत आचरण के सवाल थे। जिनका सामना करने के लिए हर सार्वजनिक हस्ती को तैयार रहना चाहिए चाहे वो पुरुष हों या महिला। किसी पुरुष सहकर्मी को सेक्सुअली फ्रस्टेटड कहना कोई साहस की बात नहीं है। यह सरासर गाली है। अगर ऐसी भाषा किसी महिला के लिए इस्तेमाल की जाती तो देश भर में गुस्सा फैल जाता और यह जायज भी है। हालांकि जब कोई पुरुष इसका शिकार होता है तो इसे खारिज कर दिया जाता है या फिर सराहा जाता है।"

कल्याण बनर्जी ने कहा, "ऐसे बयान न केवल अभद्र हैं, बल्कि दोहरे मानदंड को भी मजबूत करती हैं। जहां पुरुषों से चुपचाप सहने की उम्मीद की जाती है तो वहीं अगर महिला से ऐसा कहा जाए तो कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर महुआ मोइत्रा सोचती हैं कि गंदी गालियां देने से उनकी नाकामियां छिप जाएंगी या उनसे गंभीर सवाल नहीं पूछे जाएंगे तो वह खुद को धोखा दे रही हैं। जो लोग जवाब देने के बजाय गालियों पर भरोसा करते हैं वे लोकतंत्र के चैंपियन नहीं हैं। इस देश की जनता उनकी इस हरकत को समझ सकती है।"

Created On :   5 Aug 2025 1:03 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story