ISL-7 से प्रत्येक क्लब में एक एशियाई खिलाड़ी अनिवार्य

One Asian player compulsory in every club from ISL-7
ISL-7 से प्रत्येक क्लब में एक एशियाई खिलाड़ी अनिवार्य
ISL-7 से प्रत्येक क्लब में एक एशियाई खिलाड़ी अनिवार्य

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। इंडियन सुपर लीग (ISL) ने 2020-21 सीजन से प्रत्येक क्लब के लिए एक एशियाई खिलाड़ी को टीम में रखना अनिवार्य कर दिया है। ISL के आयोजक, फुटबाल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड ने सभी क्लब के लिए जो दिशानिर्देश दिया है, उसके मुताबिक, प्रत्येक क्लब को प्रत्येक मैच के दौरान अपनी 18 सदस्यीय टीम में दो डेवपलमेंटल खिलाड़ियों को रखना अनिवार्य होगा। इन खिलाड़ियों का जन्म साल 2000 या इसके बाद का होना चाहिए।

देश की टॉप लीग बन चुकी ISL में पहले की ही तरह पांच विदेशी खिलाड़ी मैदान पर दिखाई देंगे, लेकिन अगले सीजन से टीम में एक एशियाई खिलाड़ी भी होगा। इसके अलावा, अगले सीजन से प्रत्येक क्लब में कम से कम 25 और ज्यादा से ज्यादा 35 खिलाड़ी होंगे। साथ ही एक क्लब कम से कम पांच और ज्यादा से ज्यादा सात ही विदेशी खिलाड़ियों के साथ करार कर सकता है और इसमें एक एशियाई खिलाड़ी भी होगा।

मामले की जानकारी रखने वाले एक उच्च सूत्र ने आईएएनएस से कहा, 18 सदस्यीय टीम में दो डेवलपमेंटल खिलाड़ियों का होना एक बहुत ही सकारात्मक कदम है। भले ही वे अधिकतर समय बेंच पर होंगे, लेकिन मैच के दिन शीट का हिस्सा होने और विकल्प के रूप में उन्हें मौका मिलने की संभावना ज्यादा होगी। एक और स्वागत योग्य कदम है और वह यह कि कुल मिलाकर खिलाड़ियों की संख्या 35 करना।

अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ की तकनीकी समिति ने सुझाव दिया था कि अगले साल से घरेलू मैचों में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या प्रति मैच पांच से घटाकर चार कर दी जाए। समिति ने कहा था कि ISL और आई लीग को एशियाई फुटबाल परिसंघ की नीति अपनानी चाहिए जिसमें घरेलू मैच में अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ी होते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नवंबर के तीसरे सप्ताह में ISL के सीजन सात की शुरूआत हो सकती है। पिछले सीजन का फाइनल मैच बिना दर्शकों के ही खाली स्टेडियम में खेला गया था।

 

Created On :   17 Jun 2020 1:30 PM GMT

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