MP News: प्रदेश के तीन जिलों को काष्ठ एवं बांस लाभांश हेतु 44 करोड़ रुपये आवंटित

प्रदेश के तीन जिलों को काष्ठ एवं बांस लाभांश हेतु 44 करोड़ रुपये आवंटित
राज्य सरकार के वन विभाग ने तीन जिलों की त्रिस्तरीय संयुक्त वन प्रबंधन ग्राम समितियों को काष्ठ एवं बांस लाभांश हेतु वर्ष 2025-26 केलिये 44 करोड़ 29 लाख 13 हजार 273 रुपये आवंटित किये हैं।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य सरकार के वन विभाग ने तीन जिलों की त्रिस्तरीय संयुक्त वन प्रबंधन ग्राम समितियों को काष्ठ एवं बांस लाभांश हेतु वर्ष 2025-26 केलिये 44 करोड़ 29 लाख 13 हजार 273 रुपये आवंटित किये हैं। इनमें बालाघाट जिले को काष्ठ हेतु 6 करोड़ 15 लाख 22 हजार 147 रुपये एवं बांस हेतु 13 करोड़ 80 लाख 2 हजार 530 रुपये, छिन्दवाड़ा जिले को काष्ठ हेतु 5 करोड़ 75 लाख 69 हजार 314 एवं बांस हेतु 1 हजार 450 रुपये तथा हरदा जिले को काष्ठ हेतु 18 करोड़ 43 लाख 24 हजार 377 रुपये एवं

बांस हेतु 14 लाख 93 हजार 455 रुपये आवंटित किये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय वन नीति के अनुसरण में वनों के संरक्षण एवं विकास हेतु जन सहयोग प्राप्त करने के लिए वनों एवं उनके आसपास निवास करने वाले समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा संयुक्त वन प्रबंधन हेतु संकल्प 22 अक्टूबर, 2001 जारी किया हुआ है जिसमें तीन प्रकार की संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के गठन का प्रावधान है।

एक, वन सुरक्षा समिति : सघन वन क्षेत्रों में वनखंड सीमा की 5 किलोमीटर दूरी तक स्थित ग्रामों में गठित की जाने वाली संयुक्त वन प्रबंधन समिति को वन सुरक्षा समिति कहा जाता है। वन सुरक्षा समिति सघन वन क्षेत्रों में अवैध कटाई, चराई एवं अग्नि से क्षेत्र की सुरक्षा करती है तथा इसकी एवज में उन्हें आवंटित क्षेत्र से समस्त लघु वनोपज, रॉयल्टी मुक्त निस्तार एवं काष्ठ की बिक्री से प्राप्त राजस्व की 20 प्रतिशत लाभांश दिये जाने का प्रावधान है।

दो, ग्राम वन समिति : बिगड़े वनक्षेत्रों में वनखंड की सीमा से पांच किलोमीटर दूरी तक स्थित ग्रामों में गठित की जाने वाली समिति को ग्राम वन समिति कहा जाता है। ग्राम वन समिति के सहयोग से पुनस्र्थापित होने पर आवंटित वन क्षेत्र से प्राप्त होने वाली समस्त लघु वनोपज एवं काष्ठ अनुपातिक विदोहन व्यय घटाकर ग्राम वन समिति को प्रदाय करने का प्रावधान है।

तीन, ईको विकास समिति : जैव विविधता के संरक्षण हेतु गठित राष्ट्रीय उद्यान तथा अभ्यारण्य बफर क्षेत्रों की सीमा से 5 किलोमीटर की परिधि में स्थित ग्रामों में ईको विकास समिति गठित करने का प्रावधान है। इन समितियों के सामाजिक आर्थिक उत्थान का कार्य ईको विकास कार्यक्रम के तहत किया जाता है। प्रदेश में वन समितियों की कुल संख्या 15608 हैं, जिनके द्वारा 79 हजार 705 वर्ग किमी वन क्षेत्रों का प्रबंधन किया जा रहा है।

Created On :   14 Nov 2025 8:19 PM IST

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