MP Foundation Day 2025: जबलपुर, नागपुर के बाद भोपाल को मिला था राजधानी बनने का मौका, जानें मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की इंट्रेस्टिंग कहानी!

जबलपुर, नागपुर के बाद भोपाल को मिला था राजधानी बनने का मौका, जानें मध्य प्रदेश स्थापना दिवस की इंट्रेस्टिंग कहानी!

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश इस साल अपना 70वां स्थापना दिवस समारोह मनाने वाला है। हर साल 1 नवंबर को मध्य प्रदेश अपना स्थापना दिवस धूमधाम से मनाता है। इस साल स्थापना दिवस समारोह अभ्युदय मध्य प्रदेश की थीम पर मनाया जाएगा। स्थापना दिवस पर 1 से 3 नवंबर 2025 तक भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में मुख्य समारोह आयोजित किए जाएंगे। एमपी को भारत का हृदय कहा जाता है और इसकी स्थापना की कहानी भी बहुत ही ज्यादा दिलचस्प है। जब मध्य प्रदेश राज्य बना था तो इसके बाद नई राजधानी बनाने को लेकर कई शहरों का नाम लिया गया था। लेकिन हर शहर के बाद भोपाल को राजधानी चुना गया था। तो चलिए भोपाल को चुनने के पीछे की वजह जानते हैं।

कैसे बना मध्य प्रदेश?

आज से करीब 67 साल पहले मध्य प्रदेश का गठन हुआ था। इसकी स्थापना की कहानी बहुत ही ज्यादा पुरानी है। आयोग के सामने कई सारे तथ्यों को रखने के लिए पंडित रविशंकर शुक्ला के नेतृत्व में सभी कौशल नेताओं की बैठक की गई थी। जिसमें ये फैसला लिया गया था कि ग्वालियर, कौशल, चंबल और आसपास के हिस्सों को जोड़कर उत्तर प्रदेश जैसा एक बड़ा राज्य बनाया जाएगा। वहीं, साल 1956 में देश में 14 नए राज्यों का गठन हुआ था। उनमें से एक मध्य प्रदेश भी था। साल 1950 से 1956 तक एमपी की दो राजधानियां थीं, जिसमें ग्वालियर शीतकालीन राजधानी और इंदौर ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। राज्य के पुनर्गठन के वक्त प्रदेश के चार महानगरों ने राजधानी बनने का मजबूत दावा पेश किया था। जिसमें भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर शामिल थे।

भोपाल ऐसे बनी राजधानी

मध्य भारत की 6-6 महीने के लिए राजधानी इंदौर और ग्वालियर भी थी। लेकिन जब इंदौर और ग्वालियर रियासत की तरफ से राजधानी बनने का दावा प्रस्तुत किया गया तो मध्य भारत के मध्य में भोपाल के होने की वजह से रेलवे नेटवर्क से दिल्ली के साथ छत्तीसगढ़ से सीधे जुड़े होने के चलते स्थिति में भोपाल को राजधानी बनने का मौका मिला।

Created On :   31 Oct 2025 6:07 PM IST

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