म.प्र. में महिला सशक्तिकरण: समाज में महिलाओं को मिला नया अवसर, टोल प्लाजा संचालन से स्व-सहायता के समूह की महिलाओं बन रही हैं अत्मनिर्भर

समाज में महिलाओं को मिला नया अवसर, टोल प्लाजा संचालन से स्व-सहायता के समूह की महिलाओं बन रही हैं अत्मनिर्भर
  • स्व-सहायता की महिलाएं बन रहीं आत्मनिर्भर
  • समाज में महिलाओं को मिल रहे हैं नए अवसर
  • महिला स्व-सहायता समूह को मिली टोल प्लाजा संचालन की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, भोपाल। नारी सशक्तिकरण देश और प्रदेश की समृद्धि का अहम हिस्सा हैं। अगर महिलाएं आत्म निर्भर बन जाती हैं तो पूरा समाज और देश सशक्त बन जाता है। केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से लगातार महिलाों को आर्थिक तौर से सशक्त बनाने का काम चलाया जा रहा है। इससे महिलाएं आत्म निर्भर की राह पर आगे बढ़ रही हैं। समाज में महिलाओं को नए अवसर मिल रहे हैं। ऐसी ही एक कहानी मध्य प्रदेश के आगर-मालवा जिले के ज्योति स्व-सहायता समूह की महिलाओं की है। जिन्होंने टोल प्लाजा संचालन जैसा काम जो पारंपरिकतौर से पुरुष प्रधान काम है। तब भी महिलाओं का बराबर मौका दिया गया है। इसकी जिम्मेदारी सरकार की तरफ से महिला समूह को दी गई है।

डेढ़ साल में एक करोड़ 13 लाख रुपए से ज्यादा कमाए

बता दें, महिला समूह ने अपने काम और कुशलता से डेढ़ साल में करीब एक करोड़ 13 लाख रुपए का शुल्क संग्रह इकट्ठा कर लिया है। साथ ही, इसमें से महिलाओं को 30 प्रतिशत कमीशन दिया गया। समूह की 15 सदस्यों को हर महीने 9 हजार रुपए की सैलेरी भी दी जा रही है। महिलाओं ने अपने समन्वय प्रबंधन क्षमता की मिसाल कायम की है। स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष राजू बार्ड की तरफ से इस ऐतिहासिक अवसर और विश्वास के लिए पीएम मोदी और सीएम मोहन यादव का अभार व्यक्त किया गया है।

महिला समूह को मिली जरूरी जिम्मेदारी

एमपी सरकार ने साल 2023 में महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए एक क्रांतिकारी फैसला लिया है। पहली बार महिला स्व-सहायता समूह को टोल प्लाजा संचालन की जिम्मेदारी दी है। समूह की महिलाओं ने इस जिम्मेदारी को काफी अच्छे से निभाया है। उन्होंने अपने समन्वय और प्रबंधन क्षमता से सरकार का औ आम लोगों का विश्वास हासिल किया है। ज्योति महिला स्व-सहायता समूह को ये जिम्मेदारी 2 सितंबर 2023 को दी गई थी।

ज्योति महिला स्व-सहायता की अध्यक्ष बनीं सशक्त

ज्योति महिला स्व-सहायता की अध्यक्ष राजूरबार्ड ने बताया कि, इस पहल से वो और उनकी साथी सदस्यों की आर्थिक स्थिति काफी सुधरी है। वो सशक्त बनी हैं। समूह की सफलता प्रदेश के स्व-सहायता महिला समूह के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है।

Created On :   29 May 2025 6:33 PM IST

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