एयर कनेक्टिविटी: विमान कंपनियां बताएं कि फ्लाइट बढ़ाने के लिए केन्द्र से क्या हैं अपेक्षाएं

विमान कंपनियां बताएं कि फ्लाइट बढ़ाने के लिए केन्द्र से क्या हैं अपेक्षाएं
  • हाईकोर्ट ने सुझाव पेश करने दिए निर्देश, अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को होगी
  • जबलपुर हवाई अड्डा अन्य शहरों से अच्छी तरह से नहीं जुड़ पा रहा है

Jabalpur News: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एयर कनेक्टिविटी के मामले में इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) व अन्य विमान कंपनियों से पूछा है कि फ्लाइट्स की संख्या बढ़ाने के लिए वे केन्द्र व राज्य से क्या रियायतें चाहती हैं। कंपनियों की केन्द्र से क्या अपेक्षाएं हैं, इस संबंध में वे सुझाव पेश करें। कोर्ट ने कहा कि कंपनी यह बताएं कि केन्द्र को ऐसे कौन से कदम उठाने चाहिए जिससे विमान कंपनियों को कमर्शियल फायदा हो।

चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को निर्धारित की है। कोर्ट ने रजिस्ट्री को यह निर्देश भी दिए कि कंपनी की ओर से सीलबंद लिफाफे में पेश किए गए डाटा को स्कैन कर रिकॉर्ड पर लें। दरअसल, कोर्ट ने कहा कि उक्त रिपोर्ट में कुछ भी गोपनीय नहीं है।

मामले पर सुनवाई के दौरान विमान कंपनियों की ओर से अधिवक्ता सिद्धार्थ शर्मा ने कहा कि इस मामले में अभी तक केन्द्र की ओर से कोई जवाब पेश नहीं किया गया है। जिस तरह राज्य सरकार ने एयरपोर्ट पर कुछ रियायतें घोषित की हैं, उसी तरह केन्द्र को भी आगे आकर अपनी बात रखनी चाहिए। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश कर बताया गया था कि प्रदेश के विभिन्न हवाई अड्डों से नई घरेलू व अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कराने के लिए विमानन निदेशालय ने निविदा जारी की है।

गौरतलब है कि नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की ओर से 2024 में जनहित याचिका दायर कर जबलपुर से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग की गई है। इस मामले में एक विधि छात्र पार्थ श्रीवास्तव की ओर से याचिका दायर की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता आदित्य संघी और दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि जबलपुर में अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट हैं।

जबलपुर हवाई अड्डा अन्य शहरों से अच्छी तरह से नहीं जुड़ पा रहा है और जबलपुर से केवल 9 उड़ानें संचालित हो रही हैं। वहीं तुलनात्मक रूप से जबलपुर से छोटे भोपाल एयरपोर्ट से प्रतिदिन 40 से अधिक उड़ानें हैं। हाल ही में भोपाल व इंदौर के लिए फ्लाइट भी बंद कर दी गई है। पूर्व में जबलपुर से मुम्बई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरु, रायपुर आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थी।

सोसायटी में नाम दर्ज करने पर लें निर्णय

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सहकारिता विभाग के जिला पंजीयक को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता का नाम सोसायटी में दर्ज करने के संबंध में लंबित आवेदन पर निर्णय लें। जस्टिस विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने इसके लिए 90 दिन की मोहलत दी है। जबलपुर निवासी अजीत सिंह की ओर से याचिका दायर कर बताया गया कि पुरुषार्थी गृह निर्माण समिति आदर्श नगर ग्वारीघाट में उसका नाम सदस्य के रूप में दर्ज नहीं किया जा रहा है।

दलील दी गई कि उक्त सोसायटी में याचिकाकर्ता का 27 सौ वर्गफीट पर मकान बना है। याचिकाकर्ता के खिलाफ कुछ शिकायतें की गई थीं, जिनकी जांच भी हुई। कोर्ट ने पाया कि जांच रिपोर्ट में याचिकाकर्ता के खिलाफ कुछ भी नहीं आया है। याचिकाकर्ता ने सोसायटी में नाम दर्ज कराने सहकारिता विभाग के अधिकारियों को आवेदन दिया है, जिस पर निर्णय नहीं लेने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई।

Created On :   16 Sept 2025 6:04 PM IST

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