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ऑनलाइन पढ़ाई की इस लिए आधी फीस वापस करे कोचिंग क्लास

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढाई में असहज महसूस करनेवाले छात्र की आधी फीस कोचिंग क्लास वापस करे। मुंबई उपनगरजिला उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने एक छात्र के पिता की ओर से शिकायत स्वरुप दायर किए गए आवेदन पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया किया है। आयोग के अध्यक्ष आरजी वानखेडे व सदस्य एलवी कलाल की पीठ के सामने फीस वापस करने की मांग को लेकर छात्र के पिता राज चौधरी की ओर से दायर आवेदन पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोचिंग क्लास को न सिर्फ दो लाख 47 हजार आठ सौ रुपए वापस करने को कहा बल्कि पांच हजार रुपए मुकदमे के खर्च के रुप में भी देने का आदेश दिया। चौधरी ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में प्रवेश के लिए ली जानेवाली जेईई परीक्षा की तैयारी के लिए पेस एंड आईआईटी मेडिकल अकादमी नामक कोचिंग क्लास में शैक्षणिक सत्र 2020 में दाखिला कराया था और इसके लिए चौधरी ने चार लाख 24 हजार आठ सौ रुपए फीस के तौर पर जमा किए थे।
मार्च 2020 से प्रत्यक्ष रुप से कोचिंग क्लास में पढ़ाई शुरु हुई। लेकिन कोरोना महामारी के चलते 23 मार्च 2020 को राष्ट्रीय लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। इसलिए सभी विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ने की सलाह दी गई क्योंकि प्रत्यक्ष रुप से क्लास जा पाना संभव नहीं था। लिहाजा ऑनलाइन पढ़ाई शुरु हुई। इस दौरान चौधरी के बेटे को रोजना लंबे समय तक ऑनलाईन पढ़ाई से जुड़े रहना चौधरी को असहज व असुविधाजनक लगा। इसका असर बेटे की पढ़ाई के प्रदर्शन पर भी दिखा। फिर भी उसने जनवरी 2021 तक पढाई को जारी रखा। इसके बाद फरवरी 2021 में चौधरी कोचिंग क्लास में गए और अपने बेटे का एडमिशन रद्द करने की मांग और एक अनुपात में फीस को वापस करने का आग्रह किया। लेकिन कोचिंग क्लास ने उनके आग्रह को स्वीकर नहीं किया। इस बीच बच्चे ने भी मार्च 2021 से कोचिंग से पढाई बंद कर दी। फिर चौधरी ने उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग में कोचिंग क्लास के खिलाफ आवेदन दायर किया।
मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि एक ओर यह मामला एक छात्र की ऑनलाइन पढ़ाई से जुड़ी असुविधा, अनिइच्छा व अहसहजता से जुड़ा है तो दूसरी ओर कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के चलते पढाई के लिए ऑनलाइन तरीके को अपनाने को मजबूर हुए कोचिंग क्लास की विवशता से संबंधित है। इसलिए कोरोना के चलते कोचिंग का ऑनलाइन तरीके से विद्यार्थियों को पढ़ाना सेवा की कमी के दायरे में नहीं आता है। पीठ ने कहा कि इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि कोरोना के चलते कोचिंग क्लास को भी वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा है। इसलिए हम कोचिंग क्लास को ब्याज के साथ फीस वापस करने को नहीं कह सकते हैं। चूंकि छात्र को पढ़ाई में असुविधा हुई है। इसलिए कोचिंग क्लास को छात्र को पढ़ाई जारी रखने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए था। क्योंकि छात्र ऑनलाइन पढ़ाई में असहज महसूस कर रहा था। इस पर कोचिंग क्लास के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल उचित फीस वापस करने के लिए राजी हैं। इस पर आयोग की पीठ ने कोचिंग क्लास को कुल फीस में से दो लाख 47 हजार 800 रुपए लौटाने को कहा।
Created On :   2 July 2022 6:57 PM IST