कोर्ट ने एसआईटी से बीए.ल. संतोष को फिर से नोटिस भेजने को कहा

कोर्ट ने एसआईटी से बीए.ल. संतोष को फिर से नोटिस भेजने को कहा
तेलंगाना कोर्ट ने एसआईटी से बीए.ल. संतोष को फिर से नोटिस भेजने को कहा

डिजिटल डेस्क, हैदराबाद। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने बुधवार को विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) से भाजपा महासचिव बीएल संतोष को नया नोटिस जारी करने को कहा।

न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी ने एसआईटी को ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से नोटिस देने को कहा। हालांकि, उन्होंने भाजपा के शीर्ष पदाधिकारी की गिरफ्तारी पर रोक हटाने की राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। एसआईटी को 29 नवंबर को जांच की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया गया है। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी।

एसआईटी ने अदालत से कहा कि संतोष उनके सामने पेश नहीं होकर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है। भाजपा नेता को पहले ही आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस दिया जा चुका है। उन्हें 21 नवंबर को एसआईटी के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, वह नहीं हुए।

एसआईटी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और संतोष को पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश देने की मांग की। अदालत ने महसूस किया कि यह भाजपा नेता की जिम्मेदारी है जिसने संतोष को दिए गए नोटिस पर रोक लगाने के लिए एक याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 19 नवंबर को संतोष को जारी नोटिस पर रोक लगाने के याचिकाकर्ता के अनुरोध को ठुकरा दिया था।

न्यायाधीश ने, यह स्पष्ट कर दिया कि संतोष को गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए, एसआईटी ने उन्हें आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया। न्यायाधीश ने कहा कि संतोष को अपनी गिरफ्तारी से डरना नहीं चाहिए और एसआईटी नोटिस में दी गई शर्तों का पालन करने के लिए कहा। हाईकोर्ट ने संतोष को नोटिस देने में एसआईटी के साथ सहयोग करने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश देने के लिए तेलंगाना सरकार द्वारा दायर एक आवेदन पर भी सुनवाई की थी। न्यायाधीश ने आदेश दिया कि भाजपा के शीर्ष पदाधिकारी को बिना किसी देरी के नोटिस भेजा जाना चाहिए।

मंगलवार को सुनवाई के दौरान एसआईटी ने कोर्ट को बताया कि संतोष को दिल्ली पुलिस ने नोटिस दिया था। संतोष का नाम पिछले महीने पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए तीन कथित भाजपा एजेंटों के बीच हुई बातचीत में सामने आया था, जब वह टीआरएस के चार विधायकों को बड़ी रकम का लालच देकर भाजपा के पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे। एसआईटी ने संतोष और तीन अन्य को 21 नवंबर को तलब किया था। केवल करीमनगर के एक वकील भुसारपु श्रीनिवास सोमवार और मंगलवार को एसआईटी के सामने पेश हुए।

एसआईटी ने मंगलवार को भारत धर्म जन सेना (बीडीजेएस) के अध्यक्ष तुषार वेल्लापल्ली और केरल के एक डॉक्टर जग्गू स्वामी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया। उन्हें देश से बाहर जाने से रोकने के लिए सकरुलर भी जारी किया गया। एसआईटी ने बुधवार को दो और लोगों को नोटिस दिया। हैदराबाद के अंबरपेट इलाके के एक वकील प्रताप गौड़ और मामले के तीन आरोपियों में से एक नंद कुमार की पत्नी चित्रलेखा को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, सिम्हाजी और नंद कुमार को साइबराबाद पुलिस ने 26 अक्टूबर की रात हैदराबाद के पास मोइनाबाद के एक फार्महाउस से गिरफ्तार किया था, जब वह कथित रूप से टीआरएस के चार विधायकों को मोटी रकम का लालच देने की कोशिश कर रहे थे। साइबराबाद पुलिस ने एक विधायक पायलट रोहित रेड्डी की गुप्त सूचना पर छापा मारा। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये और तीन अन्य को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की।

आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   23 Nov 2022 1:31 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story