विकसित किया गया दिल्ली का पहला गौरैया ग्राम और तितलियों का नेचुरल हैबिटैट

Delhis first sparrow village and natural habitat of butterflies developed
विकसित किया गया दिल्ली का पहला गौरैया ग्राम और तितलियों का नेचुरल हैबिटैट
दिल्ली विकसित किया गया दिल्ली का पहला गौरैया ग्राम और तितलियों का नेचुरल हैबिटैट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरैया ग्राम विकसित किया गया है। दिल्ली के राज्य पक्षी गौरैया को संरक्षित करने के उद्देश्य गढ़ी मांडू में यह गौरैया ग्राम बनाया गया है। गौरैया ग्राम में कीट घर और तितलियों के लिए नेचुरल हैबिटैट को भी विकसित किया गया है। साथ ही यहां सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन की सुविधा भी उपलब्ध कराइ गई हैं।

दरअसल बीते कुछ साल में गौरैयों की संख्या में तेजी से गिरावट हुई है। कई अध्ययनों ने इसे दिल्ली में बढ़ रहे शहरीकरण, कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग और विद्युत चुम्बकीय विकिरण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।

कृषि में बढ़ रहें कीटनाशकों के उपयोग से गौरेया पक्षियों के लिए भोजन की कमी हो गई है, जिसके कारण उनकी प्रजाति भी धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं। इसलिए अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राज्य पक्षी गौरेया के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस गौरेया ग्राम का विकास किया जा रहा है।

दिल्ली में चार वाले वल्र्ड क्लास सिटी फॉरेस्ट विकसित किए जा रहे हैं। पहले फेज में तैयार किए जाने वाले सिटी फॉरेस्ट के नामों में शुमार गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरैया ग्राम है। इस गौरैया ग्राम में दिल्ली के राज्य पक्षी गौरैया के जीवन चक्र का चित्रण किया गया है। यहां गौरेया पक्षियों के खाने के लिए कीट घर बनाए गए हैं ताकि पक्षियों को भोजन के लिए भटकना न पड़े। साथ ही शहरों में नेस्टिंग होल की कमी को देखते हुए यहां नेस्टिंग होल के निर्माण भी किए गए हैं।

गौरैया के लिए यहां विभाग द्वारा करोंदा और कुंडली जैसे देशी जामुन, घास और झाड़ियां लगाई हैं। इसके साथ ही गौरैया ग्राम में फीडर बाक्स, कृत्रिम घोंसले और मिट्टी के बर्तन भी रखे गए हैं। तितलियों के लिए भी नेचुरल हैबिटैट का विकास किया गया हैं जिसके कारण उनकी संख्या में पहले से काफी वृद्धि देखी गई है।

दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को गौरैया ग्राम का दौरा किया। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली के अंदर पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए और प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार हर उचित कदम उठा रही हैं। उसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए दिल्ली के राज्य पक्षी गौरेया की प्रजाति को बचाए रखने के लिए, सरकार ने गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का यह पहला गौरैया ग्राम विकसित किया गया है। इस गौरैया ग्राम का मुख्य उद्देश्य गौरैया पक्षी को इकोलॉजिकल सपोर्ट देना है।

पर्यावरण एवं वन मंत्री ने बताया कि गौरैया ग्राम में गौरैया पक्षी के साथ साथ आम जनता के लिए भी सुविधा विकसित की गई है। गौरैया ग्राम में सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन भी खोला गया है। इस हर्बल गार्डन से लोग औषधीय पौधों को मुफ्त में अपने घर उपयोग के लिए ले जा सकते हैं। इनमे पत्थर चट्टा अजवायन, तुलसी , एलोवेरा आदि पौधे शामिल हैं।

दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग ने दिल्ली के चारों कोनों में मौजूद मुख्य 4 सिटी फारेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें दक्षिण पश्चिम दिल्ली का मित्राओं सिटी फारेस्ट, उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फारेस्ट, पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फारेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फारेस्ट शामिल है।

यह चारों सिटी फारेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैले हुए हैं। इस परियोजना के तहत मित्राऊ सिटी फारेस्ट के पॉकेट ए और बी का 98 एकड़, अलीपुर सिटी फारेस्ट का 48 एकड़, गढ़ी मांडु सिटी फारेस्ट का 42 एकड़ और जौनापुर सिटी फारेस्ट का 98 एकड़ में विकास किया जाएगा।

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Created On :   20 May 2022 1:30 PM GMT

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