कमलापुर के जंगल में हाथी कर रहे काम, देखने वालों का लग रहा तांता

Elephants doing work in kamlapur forest, tourist come for see
कमलापुर के जंगल में हाथी कर रहे काम, देखने वालों का लग रहा तांता
कमलापुर के जंगल में हाथी कर रहे काम, देखने वालों का लग रहा तांता

डिजिटल डेस्क, गढ़चिरोली। कमलापुर नक्सलियों से घिरा क्षेत्र है। इस क्षेत्र का नाम सुनते ही विध्वंसक घटनाओं का ही चित्र आंखों के सामने आता है। फिर भी इस दहशत भरे माहौल के बीच घने जंगलों और पहाड़ी क्षेत्र से सागौन की ढुलाई कर रहे 4 हाथियों को देखने के लिए पर्यटकों का तांता लग रहा है। ब्रिटिशकालीन समय से यह कार्य हाथी कर रहे हैं।

अहेरी तहसील के आलापल्ली वनविभाग के तहत कमलापुर वनपरिक्षेत्र में बहुमूल्य सागौन के पेड़ बड़े पैमाने पर उपलब्ध हैं। घना जंगल और पहाड़ी क्षेत्र होने से कर्मचारी या मजदूरों के जरिये सागौन की ढुलाई करना असंभव है। इसी कारण अंग्रेजों ने वर्ष 1908 से सागौन की ढुलाई के लिये हाथियों का उपयोग करना शुरू किया। जो आज भी जारी है।

कमलापुर रेंज में 4 हाथी यह कार्य कर रहे हैं, जिसमें सबसे बुजुर्ग हाथी बसंती (80), मंगला (26), अजीत (25) तथा रानी (10) आदि का समावेश है। हर दिन सुबह इन हाथियों को पहाड़ी पर ले जाया जाता है। करीब तीन घंटों तक इन हाथियों की मदद से सागौन को लटठों को नीचे उतारकर ट्रकों में लादा जाता है। जानकारी के मुताबिक प्रति माह इन हाथियों की मदद से 1500 घटमीटर सागौन की ढुलाई की जाती है।

Created On :   3 July 2017 8:52 PM IST

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