- Home
- /
- बुलेट ट्रेन के लिए जमीन देने पर...
बुलेट ट्रेन के लिए जमीन देने पर मिली रकम को लेकर परिवार में विवाद ,हाईकोर्ट को देनी पड़ी दखलअंदाजी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बुलेट ट्रेन के लिए अधिग्रहित जमीन को लेकर पारिवारिक विवाद को देखते हुए मुआवजे के रुप में दिए गए पांच करोड़ 32 लाख रुपए के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। नेशल हाई स्पीड रेल कार्पेरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने भिवंडी मे बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया है। इस जमीन पर सोनाबाई माणिक माधवी ने तीन चौथाई हिस्सा होने का दावा किया है। माधवी के मुताबिक उसने एनएचएसआरसीएल के सामने भी अपनी आपत्ति जताई थी और मुआवजा प्रदान करने का आग्रह किया था लेकिन उस पर गौर किए बिना ही जमीन का मुआवजा दूसरे उत्तराधिकारियों को दे दिया गया। जबकि जमीन में उसका भी हिस्सा है। क्योंकि वह भी जमीन के मालिक के पाटील (मृत) की कानूनी वारिस है।
न्यायमूर्ति एएस सैय्यद व न्यायमूर्ति एसपी तावडे की खंडपीठ के सामने माधवी की याचिका पर सुनवाई हुई। माधवी की ओर से पेश किए गए दस्तावेज पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमे याचिकाकर्ता का दावा सही प्रतीत हो रहा है। इसलिए इस मामले में जारी किए गए मुआवजे के इस्तेमाल पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगाई जाती है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 7 जनवरी 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है। इस बीच खंडपीठ ने एनएचएसआरसीएल को याचिकाकर्ता की जमीन में हिस्सेदारी के दावे पर विचार कर निर्णय लेने को कहा है।
Created On :   30 Dec 2020 6:18 PM IST