सुरजागड़ में अतिरिक्त खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान

Heavy damage to the environment due to excess mining in Surjagad
सुरजागड़ में अतिरिक्त खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान
हाईकोर्ट में याचिका सुरजागड़ में अतिरिक्त खनन से पर्यावरण को भारी नुकसान

 डिजिटल डेस्क,नागपुर। गड़चिरोली जिले के एटापल्ली में स्थित सुरजागड़ क्षेत्र में लौह खनन हो रहा है। राज्य सरकार ने खनन की जिम्मेदारी लॉयड मेटल व एनर्जी लिमि. नामक कंपनी को दी है, लेकिन कंपनी द्वारा जरूरत से ज्यादा खनन करने से पर्यावरण को भारी मात्रा में नुकसान पहुंच रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में समरजीत चैटर्जी द्वारा दायर जनहित याचिका में यह आरोप लगाया गया है। बुधवार को न्या. रोहित देव और न्या. वायजी खोब्रागडे की खंडपीठ में सुनवाई हुई। उन्होंने इस प्रकरण को निमयित खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेजा है। 
क्षमता से ज्यादा खनन
याचिकाकर्ता के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने अगले 50 वर्ष के लिए खनन लीज दी है। कंपनी को हर साल लगभग 30 लाख टन खनन की पर्यावरण मंजूरी थी। बाद में 27 अक्टूबर 2022 को कंपनी ने जन सुनवाई के दौरान खनन क्षमता को 3 से बढ़ाकर 1 करोड़ टन करने की घोषणा कर दी। लीज शर्तों के तहत उन्हें 50 प्रतिशत से ज्यादा खनन क्षमता बढ़ाने का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि कंपनी द्वारा प्रस्तावित अतिरिक्त खनन कार्य के वजह से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा। क्षेत्र में प्रतिदिन 800 से 1000 ट्रक चलेंगे, जिससे वायु प्रदूषण होगा। विस्फोट से ध्वनि प्रदूषण के साथ-साथ जल स्रोतों में भी धूल की मिलावट होगी। इससे स्थानीय लोगों, मवेशियों और पशु-पक्षियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ेगा। याचिकाकर्ता की ओर से एड. महेद्र वैरागडे कामकाज देख रहे हैं।
 

Created On :   23 Feb 2023 4:56 AM GMT

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