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हाईकोर्ट ने पूछा राज्य के सरकारी अस्पतालों में हैं उपलब्ध हैं जरुरी कर्मचारीॽ

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि पूरे महाराष्ट्र में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत है और क्या वहां पर आवश्यक कर्मचारी उपलब्ध हैंॽ सरकार की ऐसे नए केंद्र व ग्रामीण अस्पताल स्थापित करने की नवीनतम नीति क्या हैॽ हाईकोर्ट ने इस संबंध में संबिधित विभाग के उप सचिव स्तर के अधिकारी को हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति पीबी वैराले व न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की खंडपीठ ने यह निर्देश एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया है। मामला सातारा जिले में स्थित जिरापवाडी गांव में स्थित एक ग्रामीण अस्पताल को बंद किए जाने का है। इस अस्पताल के लिए स्थानिय किसानों ने सरकार को जमीन दी थी। जिस पर साल 1997 में 30 बिस्तर वाला अस्पताल बनाया गया था। किंतु 2004 के बाद से यह अस्पताल बंद कर दिया गया है। क्योंकि जिस फलटन तहसील में जिरापवाडी गांव आता है वहां से नौ किमी की दूरी पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थित है। इसके अलावा इस गांव से 6 किमी की दूरी पर एक उप जिला अस्पताल बना दिया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि जिरापवाडी के ग्रामीण अस्पताल को बंद करने से स्थानिय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि अब गांव के अस्पताल की ओपीडी सेवा भी बंद कर दी गई है। अस्पताल स्थापित करने के लिए 1987 में स्थानिय किसानों ने अपनी जमीन दी थी। वहां पर अस्पताल के कर्मचारियों के रहने के लिए क्वाटर भी बनाए गए थे। फिर भी अस्पताल को बंद कर दिया गया है। मामले को लेकर दायर हलफनामे पर गौर करने के बाद क्षुब्ध खंडपीठ ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि प्रदेश में कितने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत हैं और सरकार की ग्रामीण अस्पताल स्थापित करने की नवीनतम नीति क्या हैॽ खंडपीठ ने संबंधित विभाग के उपसचिव स्तर के अधिकारी को 15 नवंबर तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
Created On :   15 Oct 2022 7:28 PM IST