दुष्कर्म के आरोपी को हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। पीड़िता की आरोपी से कोई निजी दुश्मनी नहीं है ऐसे में वह अपने सगे चाचा पर दुष्कर्म जैसा गंभीर आरोप नहीं लगाएगी। यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने 13 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप में ढाई साल से जेल में बंद आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति एनआर बोरकर के सामने आरोपी के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि आरोपी की करतूतों के चलते पीड़िता गर्भवती हुई थी। उस समय पीड़िता की उम्र महज 13 साल की थी। पीड़िता ने इस घटना को लेकर जो बयान दिया है उसमें साफ कहा गया है कि आरोपी ने उसके साथ कई बार जबरन संबंध बनाए हैं। इससे पहले आरोपी के वकील बलवंत सालुंखे ने दावा किया कि पीड़िता ने जिस बच्चे को जन्म दिया था। डीएनए जांच में आरोपी को बच्चे का जैविक पिता नहीं माना गया है। वह दो साल से जेल में बंद है। लिहाजा आरोपी को जमानत प्रदान की जाए। वहीं सरकारी वकील ने कहा कि आरोपी पर गंभीर प्रकृति के आरोप लगाए गए हैं। इसलिए उसे जमानत देना उचित नहीं होगा। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी व पीड़िता के बीच कोई निजी दुश्मनी नहीं है। ऐसे में प्रथम दृष्टया इसकी संभावना कम है कि वह अपने सगे चाचा पर इतने गंभीर आरोप लगाएगी। इसलिए मामले से जुड़े सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है। नई मुंबई पुलिस ने साल 2020 में आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376(3) व पाक्सो कानून की धारा 5 व 6 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
Created On :   25 March 2023 7:36 PM IST