कुवैत से पति ने किया फोन और पत्नी को कहा तीन बार तलाक

husband called wife from Kuwait and said triple talaq
कुवैत से पति ने किया फोन और पत्नी को कहा तीन बार तलाक
कुवैत से पति ने किया फोन और पत्नी को कहा तीन बार तलाक

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी के फतेहपुर जिले में रहने वाली महिला को कुवैत से उसके पति द्वारा तलाक देने का मामला सामने आया है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के तलाक-ए-बिद्दत (तीन तलाक) पर रोक लगाने के बाद जहां एक ओर केन्द्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इसको लेकर नए कानून बनाने की तैयारी कर रही है लेकिन दूसरी ओर इससे जुड़े हुए मामले कम नहीं हो रहे हैं।

दरअसल अफसाना (32) मासूम बच्चों के साथ यूपी के फतेहपुर जिले में रहती हैं और उनका पति ख्वाजा अली कुवैत में रहता है। 24 नवंबर को ख्वाजा अली ने अफसाना को कुवैत से फोन कर किया और तीन तलाक बोल दिया। मामला दहेज से जुड़ा है। बुधवार को जाफरगंज थाना क्षेत्र के दलेल खेड़ा गांव की अफसाना अपने पिता और बच्चों के साथ एसपी ऑफिस पहुंची और पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया। अफसाना ने बताया कि उनका निकाह 10 साल पहले गांव के ही ख्वाजा अली से हुआ था। ख्वाजा एक साल पहले काम के सिलसिले से कुवैत गया था। 24 नवंबर को उसने पत्नी को फोन पर "तीन तलाक" दे दिया।

पीड़िता के पिता ने बताया 3 साल पहले ख्वाजा अली ने 2 लाख रुपए मांगे थे।  पिता ने उसकी इस मांग को पूरा किया था और बेटी को ससुराल विदा किया। मामले पर पुलिस का कहना है कि शिकायत की जांच की जा रही है और कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि इससे पहले हैदराबाद में एक महिला को उसके पति ने फोन कर के तलाक दे दिया था। अथिया बेगम का निकाह कुछ समय पहले शेख सरदार मजहर के साथ हुआ था। लेकिन निकाह के एक महीने बाद कुछ आपसी कहासुनी के बाद 13 नवंबर को शेख सरदार घर छोड़ कर चला गया और कुछ घंटों बाद उसने अपनी पत्नी अथिया बेगम को फोन कर तीन बार तलाक बोल कर तलाक दे दिया था।

सुप्रीम कोर्ट लगा चुका है तीन तलाक पर रोक
गौरतलब है कि 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने शायरा बानो मामले की सुनवाई करते हुए तीन तलाक के खिलाफ फैसला दिया था। इस ऐतिहासिक फैसले में मुस्लिम पतियों द्वारा अपनी पत्नियों को तीन तलाक देने पर रोक लगा दी गई थी।

एक बार में तीन तलाक यानी ट्रिपल तलाक 
इसमें पति एक ही बार में फोन, ईमेल, मैसेज या आमने-सामने में तलाक-तलाक-तलाक कहकर अपनी पत्नी से सम्बन्ध खत्म कर लेता है। इसके बाद भी दोनों के बीच पेच-अप तभी हो सकता है, जब हलाला की प्रक्रिया से गुजरे। इसे इस्लाम में तलाक-ए-बिद्दत कहा जाता है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया था।
 

Created On :   6 Dec 2017 8:00 PM IST

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