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मुस्लिम, ईसाई नेता व्यापार प्रतिबंधों को लेकर पेजावर के संत से मिले

डिजिटल डेस्क, उडुपी। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम में, मंदिर परिसर और धार्मिक मेलों में बहिष्कार का सामना कर रहे यहां के मुस्लिम और ईसाई नेताओं, धार्मिक प्रमुखों और व्यापारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को शक्तिशाली हिंदू पेजावर मठ के संत विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामीजी से मुलाकात की और उसने हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
उन्होंने स्वामीजी से कहा कि हिंदू धार्मिक मेलों में सामान बेचकर जीविकोपार्जन करने वाले व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने स्वामीजी से विनती की कि उन्हें मंदिरों के पास व्यवसाय करने की अनुमति दी जाए।
विश्वप्रसन्ना तीर्थ स्वामीजी ने कहा कि शांति और सद्भाव महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इसे केवल एक समुदाय द्वारा बनाए नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा, हिंदू समुदाय ने लंबे समय तक बहुत कुछ झेला है। कई घटनाओं ने समुदाय को पीड़ा दी है। कुछ धार्मिक नेताओं के बीच आपसी विचार-विमर्श से समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
संत ने कहा कि इसका समाधान जमीनी स्तर पर तलाशना होगा। जब किसी समुदाय के साथ लंबे समय तक अन्याय होता रहा है, तो गुस्सा फूट पड़ता है।
उन्होंने कहा, हिंदू समुदाय को पीड़ा पहुंचाने वाली घटनाएं यदि रुक जाएं, तो शांति और सद्भाव की संभावना है। एक विधवा की सभी गायें चोरी हो गईं और आजीविका का कोई स्रोत नहीं होने के कारण वह अब सड़क पर है। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जो हिंदू समुदाय के लिए पीड़ादायक हैं।
उन्होंने कहा, हम भी इस तरह के दर्द से गुजरे हैं। अगर कोई शांति और सद्भाव की बात करता है, तो केवल जुबां से सेवा करना काफी नहीं है। शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण जीवन के लिए किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा मध्यस्थता की कोई जरूरत नहीं है।
उडुपी कंज्यूमर फोरम के मानद अध्यक्ष अबुबक्कर अत्रादी ने कहा, समाज में शांति और सद्भाव बनाने के इरादे से एक प्रतिनिधिमंडल ने धार्मिक संत से मुलाकात की। मुस्लिम समाज भी शांति चाहता है। सिर्फ एक या दो लोगों की वजह से पूरे समुदाय से नफरत नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, हम एक ही मां के बच्चों की तरह हैं। मेरी अपील है कि सभी को मिलजुलकर रहना चाहिए। स्वामी जी ने समिति बनाने का सुझाव दिया है और समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम समुदाय के भीतर कोई बैठक नहीं हुई। बहस बहुत आगे निकल चुकी है। अगर किसी की सनक और कल्पनाओं के मुताबिक बयान दिए जाते हैं, तो समाज में शांति नहीं रहेगी। अगर प्यार और स्नेह है, तो कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
शोकामाथा इगारजी चर्च के पादरी फादर चार्ल्स ने कहा, सभी लोग कुछ मूल्यों के आधार पर जीते हैं। कुछ लोगों से गलती हो जाती है। एक व्यक्ति द्वारा की गई गलती कई लोगों को परेशानी में डाल सकती है।
उन्होंने कहा कि अगर इन गलतियों को सुधार लिया जाता है, तो सद्भाव की संभावना है। धर्म सभी के लिए जरूरी है और साथ ही धर्म के आधार पर इंसानों के बीच भेदभाव गलत है।
आईएएनएस
Created On :   30 March 2022 8:31 PM IST