नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी 8 पॉलीटेक्निक छात्रों को उम्रकैद

Life imprisonment for 8 polytechnic students convicted of raping a minor in UP
नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी 8 पॉलीटेक्निक छात्रों को उम्रकैद
उत्तर प्रदेश नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी 8 पॉलीटेक्निक छात्रों को उम्रकैद

डिजिटल डेस्क, झांसी। झांसी राजकीय पॉलीटेक्निक के आठ छात्रों को दो साल पहले नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

कारावास के अलावा, विशेष पोक्सो अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर अन्य मामलों में कुल 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया, जिसमें से आधा दुष्कर्म पीड़िता को दिया जाएगा।

विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट विजय कुमार कुशवाहा ने कहा कि सभी आठ आरोपियों को जघन्य अपराध का दोषी पाया गया है।

उन्होंने कहा, उन पर पोक्सो अधिनियम की धारा 5/6, 9/10 सहित 11 धाराओं के तहत मुकदमा चलाया गया। इस जघन्य अपराध के लिए सभी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

जिन आरोपियों को सजा सुनाई गई है, उनमें मुख्य आरोपी रोहित सैनी, भरत कुमार और संजय कुशवाहा, धर्मेद्र सेन, मोनू पर्या और मयंक शिवहरे, शैलेंद्र नाथ पाठक और विपिन तिवारी हैं।

सुनवाई विशेष न्यायाधीश नितेंद्र कुमार सिंह (एडीजे 9 रेप एंड पॉक्सो एक्ट) की अदालत में हुई जिसमें पीड़िता, उसके दोस्त और एक सब-इंस्पेक्टर समेत 12 गवाहों को सुना गया।

वारदात के दौरान वहां से गुजरे एसआई ने बच्ची को आरोपी द्वारा और प्रताड़ित होने से बचा लिया था। मुख्य आरोपी रोहित सैनी के डीएनए सैंपल का मिलान हुआ, जो प्रमुख सबूत बना।

घटना 11 अक्टूबर, 2020 को कोविड महामारी के दौरान हुई थी, जब नाबालिग लड़की अपने दोस्त के साथ ट्यूशन के लिए जा रही थी। जैसे ही वे ग्वालियर रोड पर पॉलिटेक्निक के पास से गुजरे, आरोपियों ने दोनों को पकड़ लिया और उन्हें उस छात्रावास के अंदर खींच लिया जो उन दिनों काफी हद तक खाली था। उन्होंने लड़की के साथ दुष्कर्म किया और उसके दोस्त को भी पीटा।

घटना के दौरान ग्वालियर रोड थाना चौकी में तैनात उपनिरीक्षक विक्रांत सिंह वहां से गुजर रहे थे। उन्होंने लड़की की चीख सुनी, उसे बचाने के लिए दौड़ा और उसे बचाया।

पुलिस ने मामला दर्ज कर पॉलीटेक्निक में दाखिले के फार्मो पर फोटो के माध्यम से आरोपी की पहचान कराई। आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया गया और जमानत से भी इनकार कर दिया गया।

कुशवाहा के अनुसार, जांच अधिकारी (आईओ), अरविंद सिंह द्वारा एक महीने के भीतर आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया था।

फरवरी 2022 में आरोप तय किए गए और नियमित सुनवाई के दौरान अगस्त तक सबूत पूरे कर लिए गए।

उधर, पीड़िता के माता-पिता ने कहा, उनकी बेटी गंभीर अवसाद से गुजर रही थी और घटना के बाद आघात के कारण उसने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   4 Oct 2022 11:00 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story